शिवपाल सिंह यादव का मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा समाजवादी पार्टी के गठन के बाद सबसे बड़ा राजनीतिक संकट माना जा रहा है। यदि सपा नेतृत्व ने डैमेज कंट्रोल नहीं किया तो यह पार्टी में विभाजन की शुरुआत बन सकता है। सपा के कुछ नेता और मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं।
शिवपाल के इस्तीफे की सूचना मिलने के बाद गुरुवार आधी रात को उनके आवास पर सैकड़ों समर्थक जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। शिवपाल सपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता विरोधी दल रह चुके हैं। मौजूदा सरकार में वे सबसे कद्दावर मंत्री थे। तीन दिन पहले सपा मुखिया मुलायम सिंह ने उन्हें अखिलेश यादव की जगह सपा का प्रदेश अध्यक्ष नामित किया था।
इसके रिएक्शन में मुख्यमंत्री ने शिवपाल से लोकनिर्माण, सिंचाई, सहकारिता और राजस्व जैसे अहम विभाग छीन लिए। इससे शिवपाल काफी आहत थे। शिवपाल, मुलायम के बेहद नजदीक रहे हैं। उनके एजेंडे के लिए सब कुछ करते रहे हैं। वे पार्टी में लंबे समय से अहम भूमिका में हैं।
सपा नेताओं का मानना है कि सपा के गठन के बाद पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन शिवपाल के इस्तीफे से उपजे संकट जैसे हालात पहले नहीं बने। यदि सपा मुखिया हालात संभालने में नाकाम रहे तो पार्टी में विभाजन की स्थिति भी बन सकती है।
इसके रिएक्शन में मुख्यमंत्री ने शिवपाल से लोकनिर्माण, सिंचाई, सहकारिता और राजस्व जैसे अहम विभाग छीन लिए। इससे शिवपाल काफी आहत थे। शिवपाल, मुलायम के बेहद नजदीक रहे हैं। उनके एजेंडे के लिए सब कुछ करते रहे हैं। वे पार्टी में लंबे समय से अहम भूमिका में हैं।
सपा नेताओं का मानना है कि सपा के गठन के बाद पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन शिवपाल के इस्तीफे से उपजे संकट जैसे हालात पहले नहीं बने। यदि सपा मुखिया हालात संभालने में नाकाम रहे तो पार्टी में विभाजन की स्थिति भी बन सकती है।