2017 के विधानसभा चुनाव के लिए भले ही बसपा के लगभग सभी उम्मीदवार तय हो गए हैं, सपा ने हारी हुई अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी हो, लेकिन भाजपा बहुत जल्दबाजी में नहीं दिख रही।
भगवा खेमा विरोधी दलों के उम्मीदवारों की ताकत व कमजोरी देखकर ही अपना दांव चलेगा। सिर्फ सिटिंग व अन्य चुनिंदा सीटों पर ही भाजपा उम्मीदवारों की एक सूची जल्द जारी हो सकती है। अन्य सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का एलान दूसरे दलों की रणनीति को देखकर किया जाएगा।
विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा भी आक्रामक रणनीति के साथ सियासी जंग के लिए तैयार हो रही है। आधा दर्जन कार्यक्रम घोषित किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सूबे में लगातार दौरे कर रहे हैं।
ओमप्रकाश राजभर की भारतीय समाज पार्टी का भाजपा में विलय करा चुके हैं। अनुप्रिया पटेल के अपना दल की रैली में शिरकत कर चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई प्रमुख नेता बसपा से भाजपा में आ चुके हैं। मौर्य की परिवर्तन रैली और बसपा के पूर्व सांसद जुगल किशोर के दलित सम्मेलन में शाह हिस्सा ले चुके हैं। इन सबके बावजूद उम्मीदवारों के चयन में भाजपा पीछे है।
विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा भी आक्रामक रणनीति के साथ सियासी जंग के लिए तैयार हो रही है। आधा दर्जन कार्यक्रम घोषित किए जा चुके हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सूबे में लगातार दौरे कर रहे हैं।
ओमप्रकाश राजभर की भारतीय समाज पार्टी का भाजपा में विलय करा चुके हैं। अनुप्रिया पटेल के अपना दल की रैली में शिरकत कर चुके हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई प्रमुख नेता बसपा से भाजपा में आ चुके हैं। मौर्य की परिवर्तन रैली और बसपा के पूर्व सांसद जुगल किशोर के दलित सम्मेलन में शाह हिस्सा ले चुके हैं। इन सबके बावजूद उम्मीदवारों के चयन में भाजपा पीछे है।