इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चुनाव में इस बार होगा NOTA का इस्तेमाल

Update: 2016-09-23 08:03 GMT

इलाहाबाद: पूरब का आक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में इस साल का छात्रसंघ चुनाव तीस सितम्बर को होगा. इस चुनाव में बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों के नाम के साथ ही नोटा का विकल्प भी होगा. हालांकि नोटा के वोटों का असर हार-जीत पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस पर पड़े वोटों को नतीजों में शामिल नहीं किया जाएगा. यह पहला मौका है जब इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चुनाव में नोटा का विकल्प भी दिया जा रहा है.

28 सितंबर को होगा दक्षता भाषण

किसी ज़माने में राजनीति की नर्सरी कहे जाने वाले इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चुनाव के लिए पर्चे दाखिल करने का काम कल यानी तेईस सितंबर को होगा, जबकि दक्षता भाषण 28 सितंबर को कराया जाएगा. तीस को वोटिंग होंगी और उसी दिन देर शाम से वोटों की गिनती भी शुरू हो जाएगी.

लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत ही चुनाव कराए जाने को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन कई कदम उठा रहा है. हालांकि कैम्पस से लेकर शहर तक में धड़ल्ले से बैनर पोस्टर लगाने के साथ ही शक्ति प्रदर्शन करने के लिए जुलूस भी निकाले जा रहे हैं.

पहली बार नोटा का भी विकल्प

इस बार यह पहला मौका होगा जब इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चुनाव में उम्मीदवारों के नाम के साथ ही नोटा का भी विकल्प भी बैलेट पेपर पर दिया जाएगा. हालांकि नोटा यानी दिए गए उम्मीदवारों में से कोई भी नहीं को मिले वोटों की गिनती को नतीजों में शामिल नहीं किया जाएगा.

यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि नोटा के ज़रिये उम्मीदवारों की सामूहिक लोकप्रियता भी परखने की कोशिश की जाएगी.


Similar News