तीन भारत-पाकिस्तान युद्धों में गई है 22 हजार से अधिक की जान, अब हुई लड़ाई तो ...............
1947-48 का युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए पहले युद्ध की वजह कश्मीर बना था। आजादी के समय जम्मू-कश्मीर की रियासत और उसके राजा हरि सिंह ने भारत और पाकिस्तान दोनों में किसी में विलय स्वीकार नहीं किया था। लेकिन भारत विभाजन के चंद महीनों बाद ही पाकिस्तान समर्थक कबायलियों ने विद्रोह कर दिया। जब कबायली को पाकिस्तानी सेना ने सीधा समर्थन देना शुरू कर दिया तो कश्मीर के राजा ने भारत में विलय स्वीकार करते हुए समझौता कर लिया और भारतीय सेना उनके बचाव में युद्ध में उतर पड़ी। अक्टूबर 1947 से शुरू हुए इस संघर्ष का समापन 1 जनवरी 1949 में दोनों देशों के बीच हुए शांति समझौते से हुआ। इस युद्ध में करीब 1500 भारतीय मारे गए और करीब 3500 घायल हो गए। वहीं करीब 6000 पाकिस्तानियों की युद्ध में जान गई और करीब 14 हजार घायल हो गए। इस युद्ध के बाद जम्मू-कश्मीर के दो तिहाई हिस्सा भारत में ही रहा जबकि एक तिहाई हिस्से पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है।
2016 में युद्ध हुआ तो…
भारत और पाकिस्तान दोनों देश अब परमाणु शक्ति संपन्न हैं। ऐसे में दोनों के बीच किसी भी युद्ध के परमाणु युद्ध में बदल जाने की आशंका रहती है। पाकिस्तान कह चुका है कि वो परमाणु हथियार का प्रयोग करने से बाज़ नहीं आएगा। अभी तक दुनिया में एक ही बार परमाणु बमों का प्रयोग किया गया है। अगस्त 1945 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के नागासाकी और हिरोशिमा शहरों पर परमाणु बम गिराए थे। नतीजतन जापान ने तत्काल आत्म समर्पण कर दिया था। दोनों परमाणु बमों से सवा लाख से तीन लाख तक लोगों के मारे जाने आशंका जताई जाती है। इतना ही नहीं ये दोनों शहरों फिर कभी पहले जैसे आबाद नहीं हो सके क्योंकि परमाणु विकिरण के कारण वहां की आबोहवा दूषित हो गई है। मारे गए लोगों के अलावा बड़ी तादाद में लोग परमाणु विकिरण के कारण विकलांग हो गए। परमाणु विकिरण का असर वहां कई पीढ़ियों तक देखने को मिला। आज भी ये शहर पूरी तरह विकिरण मुक्त नहीं हो सके हैं।
अगर भारत और पाकिस्तान के बीज परमाणु युद्ध होता है तो दोनों देशों की घनी आबादी के चलते इससे होने वाले नुकसान की कल्पना भी भयावह है। भारत की मौजूदा आबादी 120 करोड़ से अधिक है, वहीं पाकिस्तान की आबादी 18 करोड़ से अधिक है। दोनों देशों के ज्यादातर प्रमुख शहर एक दूसरे के हवाई हमले के ज़द में आते हैं ऐसे में युद्ध के असर से शायद ही कोई अछूता रहेगा। कुछ अति-उत्साही लोग कहते हैं कि परमाणु युद्ध की स्थिति में भारत को भले ही काफी नुकसान हो पाकिस्तान पूरी तरह मिट जाएगा। लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए दूसरा रहे न रहे, अपने शरीर का एक हिस्सा खो कर जीना भी पहले जैसा नहीं होगा।