मिशन 2017 के अभियान में जुटी भाजपा विरोधियों पर तीर चलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। रविवार को राजधानी लखनऊ में होने जा रही बसपा की रैली के ठीक दो दिन पहले भाजपा ने एक नया दांव चल दिया। स्वाति सिंह को महिला मोर्चा की कमान सौंपकर बसपा प्रमुख मायावती को चुनौती देने की कोशिश की है। भाजपा से बर्खास्त किये गये प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को महिला मोर्चा की कमान सौंपकर भाजपा ने भले ही अपने बुनियादी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है लेकिन इस फैसले से सियासी सरगर्मी तेज होगी।
दयाशंकर ने 20 जुलाई को मायावती के खिलाफ मऊ में अभद्र टिप्पणी की थी और 21 जुलाई को भाजपा ने उनको प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटाते हुए पार्टी से बाहर कर दिया। इधर, बसपा ने भी दयाशंकर की पत्नी और बेटी पर अभद्र टिप्पणी कर माहौल गर्मा दिया। भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया। इस मामले में बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर पर मुकदमा भी हुआ। दयाशंकर तो गिरफ्तार होकर जेल गये लेकिन बसपा नेताओं का कुछ नहीं हुआ। इसी लड़ाई के बीच स्वाति का उभार हुआ। अपने तीखे तेवर से बसपा के खिलाफ आक्रामक स्वाति ने प्रदेश भर का दौरा किया। भाजपा ने अब एक फ्रंट खोल दिया है।
नारी के सम्मान में भाजपा मैदान में, नारे के साथ स्वाति और उनकी बेटी पर बसपा की अभद्र टिप्पणी को मुद्दा बनाने वाली भाजपा का तर्क है कि बुआ और भतीजे की मिली भगत से आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, इसलिए यह लड़ाई अब स्वाति की अगुवाई में लड़ी जाएगी। जाहिर है कि रविवार की रैली में बसपा की इस पर कड़ी प्रतिक्रिया होगी और भाजपा धु्रवीकरण की हर संभव कोशिश करेगी।