वाराणसी : आज राजघाट पुल के पास बाबा जयगुरुदेव के आयोजित कार्यक्रम में दाेपहर देढ बजे अचानक भगदड मचने से करीब 19 के मरने की सूचना है। जबकि घायलों की संख्या भी सैकड़ों में पहुंच गई है।बताया जा रहा है कि कार्यक्रम स्थल के बगल में ही गंगा जी का पुल था जिसमें काफी सारे लोग गिर गये हैं।मुख्य चिकित्साधिकारी डा वीबी सिंह के अनुसार 19 की मौत हुई है। जबकि अभी तक 12 जख्मी सामने आये हैं। वहीं मथुरा से जयगुरुदेव संस्थान के मीडिया प्रभारी का बयान आया है कि पुल टूटने की अफवाह से वारणसी में बड़ा हादसा हुआ है। जिला प्रशासन ने भी लोगो को आगे बढ़ने से रोका'। वहीं हादसे के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नेे मृतकों को दो-दो लाख की मदद की बात कही है।
चंदौली और वाराणसी के बीच गंगा पुल के पास मची भगदड के बाद प्रशासनिक तौर पर एडीजी लॉ एण्ड आर्डर ने 12 लोगों के माैत की बात कही है। जबकि जागरण संवाददाता के मुताबिक 18 लोगों के शव रामनगर अस्पताल में प्रशासन द्वारा पहुंचाए गए हैं, हालांकि घायलों की संख्या लगातार बढ रही है। मौके पर भगदड के बाद की तस्वीरें ही भयावहता की कहानी कह रही हैं। प्रशासन की ओर से दावे तो राहत और बचाव के हैं मगर भारी भीड के चलते मौके पर पहुंचना भी एंबुलेंस के लिए भारी साबित हो रहा है। भगदड की सूचना के बाद कई एंबुलेंस व डाक्टरों की टीम के राजघाट पुल स्थित घटनास्थल पर है।
प्रशासन को भी राहत और बचाव के दौरान समस्याएं आ रही हैं। प्रशासन ने भारी भीड को देखते हुए राजघाट पुल का रास्ता रोक दिया है। प्रशासन का जोर अब घायलों को तत्काल चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने पर है। सबसे करीबी अस्पताल रामनगर में घायलों को भेजा गया है हालांकि अन्य करीबी अस्पतालों में भी अलर्ट जारी कर चिकित्सा सेवा की व्यवस्था की जा रही है।
शहर में हजारों हजार लोग जत्थों की शक्ल में घूम रहे थे। उन्हें गंगा उस पार जाना था सत्संग स्थल पर। ऐसे में गंगा पार करने के लिए महज दो ही पुल थे (1) राजघाट पुल (2) विश्वसुंदरी पुल। राजघाट पुल से कार्यक्रम स्थल नजदीक था लिहाजा भीड़ का दबाव इस पुल पर बढ़ता गया। अंग्रेजों के जमाने का बना राजघाट पुल, डफरिन ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, मालवीय पुल के नाम से भी। इसके एक ओर बनारस है तो दूसरे सिरे पर है चंदौली जिला। भीड़ के भारी दबाव को इस पुल पर नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं था प्रशासनिक व पुलिस अफसरों के पास। भक्तों में बुजुर्गों व महिलाओं की संख्या ज्यादा होने से एक बार हुई भगदड़, अंतत: बेकाबू हो गई।