डीआईजी के निर्देश पर प्रीती के मौत मामले की जांच करने पहुंची सीओं स्वर्णिमा सिंह

Update: 2025-01-28 06:58 GMT


आशुतोष शुक्ल बस्ती

तेजतर्रार डीआईजी दिनेश कुमार पी के निर्देश पर 17 दिन बाद दर्ज हुआ था हत्या का मुकदमा

- पूर्व थानाध्यक्ष उपेंद्र मिश्रा ने नाबालिक प्रीती के हत्या मामले में किया था लीपापोती

- ढेड माह से पुत्री की हत्या मामले में न्याय के लिए दर - दर भटक रही पीड़ित मां माया देवी

सोनहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत जोगिया पाठक में बीते 14 दिसंबर 2024 को प्रीती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी । पीड़ित मां माया देवी ने प्रीती की हत्या का आरोप ससुर , देवर समेत आदि लोगों पर लगाई थी और लगातार डेढ महीने से प्रीती के मौत मामले को लेकर न्याय के लिए दर - दर भटक रही है । डीआईजी दिनेश कुमार पी के निर्देश पर सीओ रुधौली स्वर्णिमा सिंह ने जोगिया गांव पहुंच कर घटनास्थल पर जांच पड़ताल की और प्रीती के मौत के मामले में गंभीरता से प्रत्येक बिंदुओं की जांच की । पीड़ित मां , पिता समेत समस्त हत्या आरोपियों से पूछताछ की । मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंच कर नमूना लिया और घटनास्थल पर प्रत्येक बिन्दुओं की जांच किया ।

आपको बता दें कि तेजतर्रार डीआईजी दिनेश कुमार पी के निर्देश पर 17 दिन बाद नाबालिक प्रीती की हत्या कर शव को दफनाने के मामले में नवागत थानाध्यक्ष मोतीचंद ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया था । पूर्व थानाध्यक्ष उपेंद्र मिश्रा ने नाबालिक प्रीती के हत्या मामले में जांच एवं करवाई के नाम पर लीपापोती कर दिया था ।

पीड़ित मां माया देवी ने थाने से लेकर जिले के उच्च अधिकारियों को चक्कर लगाने के बाद भी न्याय नहीं मिला था । पीड़ित मां ने पुत्री की हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए सीओ रुधौली स्वर्णिमा सिंह , अपर पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश सिंह , पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी और डीआईजी दिनेश कुमार पी से शिकायत की थी 15 दिन बीतने के बाद भी सोनहा पुलिस ने न तो दफ़नाये गये शव को निकलवा कर पोस्टमार्टम करा रही थी और न ही हत्या का मुकदमा दर्ज कर रही थी । सोनहा पुलिस हत्या के मामले को छिपाने में पूरा प्रयास कर रही थी ।

सूत्रों की माने तो सोनहा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत जोगिया में दिनांक - 14 - 12 - 2024 को 15 वर्षीय लड़की प्रीती को चाचा समेत अन्य लोगों ने पीट - पीट कर हत्या कर दिया था और आनन फानन में शव को ठिकाने लगाने का आरोप मृतक प्रीती की मां माया देवी पत्नी चिनगी प्रसाद ने लगाया था। हत्या आरोपियों ने मृतक की मां माया देवी को भी 03 दिनों तक घर में कैद किये हुए थे और धमकी दे रहे थे कि यदि तुम घर से बाहर निकली या किसी ग्रामवासियों / रिश्तेदारों को फोन करके प्रीती के मृत्यु की सूचना दिया तो तुम्हे भी प्रीती की तरह मौत के घाट उतार दूंगा और तुम्हारे मायके वाले भी लाश को नहीं देख पायेंगे ।

थाना हर्रैया के अन्तर्गत ग्राम पंचायत - महुआ लखननपुर पो. महराजगंज निवासी मामा ने पुलिस चौकी असनहरा को प्रीती के हत्या की सूचना देने गये थे । चौकी प्रभारी असनहरा ने मामा रवीन्द्र कुमार को डाट कर भगा दिया था और कहा कि तुम कौन होते हो प्रीती की हत्या का मुकदमा लिखावाने वाले । पीड़ित माया देवी के मायके वालों ने दिनांक - 19 - 12 - 2024 को पुलिस अधीक्षक बस्ती गोपाल कृष्ण चौधरी को लिखित सूचना देने के लिए गये थे लेकिन पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नही थे । उसी दिन पीड़ित परिवार ने रुधौली क्षेत्राधिकारी स्वर्णिमा सिंह को घटना की लिखित सूचना दिया था । मामा रवीन्द्र कुमार ने दिनांक - 20 - 12 - 2024 को मृतक की मां माया देवी को पुलिस बल के सहयोग से हत्या आरोपियों से मुक्त कराया था और अपने साथ ही मृतक की मां माया देवी को विकासखण्ड कप्तानगंज के अन्तर्गत ग्राम पंचायत - .महुआ लखनपुर लाया था । दिनांक - 21 -12 -2024 को पीड़ित मां माया देवी ने अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती ओम प्रकाश सिंह से उक्त प्रकरण में जांच कर कार्रवाई की मांग की थी । उक्त प्रकरण को अपर पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश सिंह ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल मामले की जांच सीओ रुधौली स्वर्णिमा सिंह के साथ किया था लेकिन जांच में क्या मिला ? क्या कार्रवाई हुई ? जिसका पता पीड़ित परिवार को नही था । पीड़ित परिवार को यह पता था कि मृतक प्रीती के हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज नही है । पीड़ित मां माया देवी ने बताया था कि पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों का ऐसा ही रवैया रहा तो मुझे खुद आत्म हत्या करना पड़ेगा क्योंकि हत्या के आरोपियों द्वारा कभी भी मेरी हत्या कर सकते हैं । किसी तरीके से मायके में चोरी छिपे रह रही हूं । मेरे मायके वाले डरे हुए हैं । दो दिनों से लगाकर डीआईजी दिनेश कुमार पी के कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी डीआईजी कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को डीआईजी दिनेश कुमार पी से नही मिलने दिया था और पुलिसकर्मियों ने पीड़ित से कहा था कि घर जाओं हत्या के मामले में जांच कर कार्रवाई होगी । पीड़ित माया देवी को तेज तर्रार डीआईजी दिनेश कुमार पी से पूरी उम्मीद थी कि मृतक पुत्री प्रीती की हत्या मामले में मुकदमा दर्ज होगा और दफ़नाये गये शव का पोस्टमार्टम होगा । उक्त प्रकरण में थानाध्यक्ष मोती चंद ने बताया था कि पीड़ित माया देवी के तहरीर पर मु० अ० सं० 325 / 24 धारा 103 (1)/238/351 (3) वी एन एस के तहत ससुर राम सवारे पुत्र स्वo दूबर ,देवर शेखर एवं बिरजू पुत्रगण राम सवारे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और उक्त प्रकरण की विवेचना की प्रक्रिया चल रही है । पीड़िता ने डीआईजी दिनेश कुमार पी से हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शिकायत की थी डीआईजी दिनेश कुमार पी ने सीओ रुधौली स्वर्णिमा सिंह को पीड़िता के साथ घटनास्थल पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया था और प्रीती के मौत मामले में साक्ष्यों के आधार पर मौत के कारणों का खुलासा करने का निर्देश दिया था । उक्त प्रकरण में सीओ रुधौली स्वर्णिमा सिंह ने बताया कि प्रीती के मौत मामले में घटना-स्थल पर जाकर जांच किया गया है और पीड़िता मां माया देवी और हत्या आरोपियों समेत अन्य ग्रामीणों ने बयान लिया गया है तथा अन्य बिन्दुओं की गंभीरता से जांच की गई है । सभी साक्ष्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जायेगी और प्रीती के मौत मामले का खुलासा किया जायेगा ।

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