प्रयागराज जंक्शन जाने वाले मार्गों को किया बंद तो सड़क पर लगाया बिस्तर, लोगों का सेवाभाव देख हुए भावुक

Update: 2025-01-30 02:02 GMT

प्रयागराज। : मौनी अमावस्या पर स्नान कर जब श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज जंक्शन की तरफ निकली तो व्यवस्था कटघरे में खड़ी हो गई। जंक्शन जाने वाले मार्गों को बंद करने पर श्रद्धालुओं ने सड़काें व मुहल्लों की गलियों को बिस्तर बना लिया। जो जहां था, वहीं बिस्तर लगाकर लेट गया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर सेवाभाव दिखाया और चादर, कंबल व तकिया तक यथासंभव श्रद्धालुओं को दिया।

संगम स्नान के बाद अपने घर जाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज जंक्शन की तरफ ट्रेन पकड़ने के लिए निकली तो उनकाे अलग-अलग जंक्शन की तरफ भेजा जाने लगा। जानसेनगंज चौराहे पर सड़क पर टीन लगाकर मार्ग को बंद कर दिया गया। श्रद्धालुओं को घंटाघर, चौक, कोतवाली, नखासकोहना के रास्ते आगे बढ़ाया जाने लगा। उधर, सिविल लाइंस साइड से श्रद्धालुओं को हाई कोर्ट पानी की टंकी स्थित रेलवे ओवरब्रिज से जंक्शन की तरफ जाने को कहा गया।

डीएसए ग्राउंड के सामने श्रद्धालु आरओबी से उतरे से उन्हें खुसरोबाग में बने होल्डिंग एरिया में जाने की बात कही गई, जिस पर श्रद्धालुओं ने जाने से मना कर दिया। वह सड़क पर ही बैठ गए। प्रयागराज जंक्शन के बाहर से लेकर आरओबी व नवाब युसूफ रोड तक श्रद्धालु सड़क पर ही बैठ गए।

वहीं, दूसरी तरफ जानसेनगंज चौराहे पर जंक्शन रोड बंद होने पर घंटाघर, चौक, जानसेनगंज चौराहा, हीवेट रोड, मानसरोवर, साउथ मलाका चौराहा, रामबाग समेत अन्य स्थानों पर श्रद्धालुओं ने सड़क पर ही बिस्तर लगा लिया। आजाद नगर साउथ मलाका, शहराराबाग मुहल्ले की गलियों में भी श्रद्धालु बिस्तर लगाकर लेट गए।

हाई कोर्ट पानी की टंकी आरओबी पर बैठे श्रद्धालु। प्रयागराज जंक्शन की तरफ जाने से रोकने पर श्रद्धालु सड़क पर ही बैठ गए हैं। नवाब युसूफ रोड, लीडर रोड, खुसरोबाग रोड, जॉनसेनगंज, नखास कोना, खुल्दाबाद की सड़कों पर भी यही स्थिति है। जागरण

समाजसेवी लल्लन यादव, राशिद, अनूप मजूमदार, अनिल दुबे, सर्वजीत सिन्हा, देवीलाल, अतुल श्रीवास्तव, बसंत, डा. जयकुमार सक्सेना, नितिन, महेंद्र यादव, राज यादव आदि ने श्रद्धालुओं की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनको चद्दर, तकिया व कंबल दिया। साथ ही उनके लिए चाय-नाश्ते की व्यवस्था की।

अपने घर में दी श्रद्धालुओं को शरण

झूंसी स्थित त्रिवेणीपुरम में रहने वाली समाजसेविका कविता शर्मा के घर के सामने करीब 90 श्रद्धालु सड़क पर बैठे तो उन्होंने सभी को घर के भीतर चलने को कहा। अपने तीन मंजिला मकान में बने 11 कमरों में सभी को ठहराया। यही नहीं, उनके लिए चाय-नाश्ते के साथ ही खाने की भी व्यवस्था कराई। उनका यह सेवाभाव देखकर आसपास के लोग भी प्रेरित हुए और श्रद्धालुओं की सेवा में जुट गए।

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