राॅबर्ट बर्न्स को हिंदी व सुषम बेदी को अंग्रेजी में पढ़ना हुआ संभव
नई दिल्ली, 6 फरवरी। विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर आज साहित्य अकादमी के मंच पर दो महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण प्रख्यात अंग्रेजी लेखक अनीस उर रहमान के कर कमलों से हुआ। पहली पुस्तक ‘राॅबर्ट बर्न्स : 20 कालजयी कविताएँ’ शीर्षक से थी, जिसका अनुवाद अंजु रंजन ने किया है। दूसरी पुस्तक सुषम बेदी की कहानियों का अनुवाद ‘ए प्लेस काॅल्ड होम’ शीर्षक से था, जिसका संपादन रेखा सेठी और हिना नंद्राजोग ने किया है। लोकार्पण कार्यक्रम के आरंभ में सभी का स्वागत साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अंगवस्त्रम प्रदान करके किया। इस अवसर पर उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश के संचालन में चले समारोह में राॅबर्ट बर्न्स की कविताओं की अनुवादिका अंजु रंजन ने कहा कि राॅबर्ट बर्न्स स्काॅटलैंड के राष्ट्रीय कवि थे और उनकी कविताएँ हिंदी में पहली बार अनूदित होकर सामने आई हैं। मेरे वहाँ के प्रवास पर मुझे उन्हें बेहतर तरीके से जानने और समझने का अवसर मिला। मैंने कवि के जन्म स्थल के साथ ही उनकी स्मृति में बने संग्रहालय का भी दौरा किया। इस संग्रह में उनकी 20 कालजयी कविताएँ शामिल हैं। इन कविताओं के सहारे 17वीं शताब्दी के स्काॅटलैंड के समाज को अच्छी तरह से समझा जा सकता है। दूसरी पुस्तक ‘ए प्लेस काॅल्ड होम’ जोकि सुषम बेदी की हिंदी कहानियों का अंग्रेजी अनुवाद था की संपादिका रेखा सेठी ने कहा कि अनुवाद एक सामूहिक कार्य होता है जिसे हमने बखूबी इस पुस्तक के अनुवाद के लिए हुई कार्यशाला में महसूस किया। हम सभी इस प्रक्रिया में हुए अनुभवों से काफी समृद्ध हुए। सहयोगी संपादिका हिना नंद्राजोग ने भी अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर सुषम बेदी के पति राहुल बेदी भी उपस्थित थे।
अंत में अनीस उर रहमान ने साहित्य अकादमी को इन दो महत्त्वपूर्ण रचनाकारों के अनुवाद उपलब्ध कराने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इसके सहारे हम दो देशों की संस्कृति को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और नए समाज तक पहुँच बना सकेंगे। उन्होंने अनुवाद को सामूहिक प्रक्रिया मानते हुए कहा कि इससे सभी भाषाएँ और उनकी संस्कृति समृद्ध होती हैं।