देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं… विधानसभा में किस बात पर भड़के सीएम योगी?

Update: 2025-02-18 11:40 GMT

लखनऊ। विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाएगी और जब सरकार आम जनता के बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने की बात करती है, तो ये लोग उर्दू थोपने की वकालत करने लगते हैं। ये बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं। देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं जो कतई स्वीकार्य नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की स्थानीय बोलियों, भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेली को विधानसभा की कार्यवाही में स्थान देने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इन बोलियों को हिंदी की उपभाषाएं मानते हुए सरकार इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है।

सदन केवल विद्वानों के लिए नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार इन भाषाओं के लिए अलग-अलग अकादमियों का गठन कर रही है, ताकि ये समृद्ध हों। ये हिंदी की बेटियां हैं और इन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए।

यह सदन केवल विद्वानों के लिए नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग की आवाज को यहां स्थान मिलना चाहिए। जो लोग भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेली का विरोध कर रहे हैं, वे दरअसल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के विरोधी हैं। उन्होंने सपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि इनका चरित्र ही दोहरा हो चुका है।

अच्छे कार्य का विरोध करना सपा का स्वभाव

योगी ने कहा कि ब्रजभाषा इतनी समृद्ध है कि संत सूरदास ने इसी भाषा में अपनी रचनाएं लिखीं। इसी तरह, संत तुलसीदास ने अवधी में रामचरितमानस की रचना की, जो न केवल उत्तर भारत बल्कि प्रवासी भारतीयों के लिए भी संकट काल में संबल बनी।

यह दुखद है कि जब इन भाषाओं को सम्मान दिया जा रहा है, तब कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। सपा का स्वभाव ही बन चुका है कि वे हर अच्छे कार्य का विरोध करेंगे।

सपा ने विधानसभा में अंग्रेजी के प्रयोग पर जताई थी आपत्ति

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने विधानसभा की कार्यवाही में अंग्रेजी भाषा के प्रयोग की इजाजत देने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार अंग्रेजी भाषा लाकर हिन्दी को कमजोर करना चाहती है। यदि अंग्रेजी भाषा के प्रयोग की इजाजत दी जा रही है तो उर्दू को भी शामिल कर लें।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बहुत सारे सदस्य अपने घर की बोली में अपनी बात रखना चाहते हैं उनके लिए यह सुविधा दी गई है। अंग्रेजी भाषा का ज्ञान आवश्यक है। हम अंग्रेजी थोपने नहीं जा रहे बल्कि एक सुविधा बढ़ा रहे हैं।

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