काशी में ऐसी होगी महाशिवरात्रि : त्रिवेणी के जल से शिवभक्त करेंगे स्नान, महाकुंभ से आया एक टैंकर संगम का जल
देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में महाशिवरात्रि पर शहर भर से शिवबरात निकलेगी। बाबा के गण भांग-बुटी छानकर बाबा की भक्ति में मगन रहेंगे। इस बार शिवबरात में त्रिवेणी के जल से शिवभक्तों को स्नान भी कराया जाएगा।
बरात में हर तरह के लाग विमान रहेगा। शिव से लेकर राम दरबार के स्वरूपों की झांकी के दर्शन होंगे। दर्जनभर वाद्ययंत्रों की गूंज के बीच हर हर महादेव की अनुगूंज होती रहेगी। वहीं, महाकुंभ में मारे गए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।
महाशिवरात्रि पर काशी में गली-मुहल्लों से शिवबरात निकाली जाती है। मगर, यहां की प्रमुख तीन शिवबरात समितियों की बरात को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। तिलभांडेश्वर शिवबरात समिति के अध्यक्ष रामबाबू यादव ने बताया कि इस बार बनारस के अलावा भदोही और मिर्जापुर 30 से अधिक लाग विमान शिवबरात में शामिल हो रहे हैं।
12 घोड़ों पर भगवान शिव, राम दरबार, ब्रह्मा, विष्णु और महेश के स्वरूप रहेंगे। कलाकार राधा-कृष्ण की रासलीला और शिवतांडव की प्रस्तुति करते हुए चलेंगे। बैंडबाजा, शहनाई, नगाड़ा, दुक्कड़, डमरू दल सहित छह तरह के वाद्ययंत्रों की धुन सुनाई देगी। बाबा के गण भूत-प्रेत करतब दिखाते हुए चलेंगे।
शिवबरात का होगा विशेष स्वागत
काशी विश्वनाथ शिवबरात समिति की बरात दारानगर से शाम को निकलेगी। समिति के संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि इस महाशिवरात्रि को खास बनाने के लिए इस बार महाकुंभ से एक टैंकर संगम का जल मंगाया जाएगा। संगम का ये जल शिवबरात में शामिल शिवभक्तों पर छिड़का जाएगा।
जो भक्त महाकुंभ में स्नान नहीं कर पाए हैं, वह इसका पुण्यलाभ ले सकेंगे। बरात में बाहर से 20 से अधिक लाग विमान शामिल रहेंगे। बाबा के गण व देवताओं के स्वरूप भी भक्तों को दर्शन देंगे। वहीं, रामापुरा के लालकुटी व्यामशाला से भी भव्य बरात निकाली जाएगी।
45 वाटर टैंकर की होगी व्यवस्था
महाशिवरात्रि की तैयारियों में नगर निगम जुट गया है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने 45 वाटर टैंकर और 27 मोबाइल टॉयलेट शहर भर में लगाने के निर्देश जलकल को दिए हैं। गलियों में लगातार सफाई के लिए शिफ्टवार सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
सभी शिव मंदिरों के आसपास विशेष सफाई और चूने का छिड़काव कराया जाएगा। शिव मंदिर जाने वाले मार्गों को दुरुस्त कराया जाएगा। शहर के प्रमुख मार्गों के स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने के लिए उन्होंने आलोक विभाग को जिम्मेदारी दी है।
प्रधान महादेव विग्रहों का हुआ रुद्राभिषेक
महाशिवरात्रि महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार को धाम स्थित प्रधान महादेव विग्रहों का पूजन अर्चन के साथ रुद्र मंत्रों से रुद्राभिषेक हुआ। मंदिर के नायब तहसीलदार मिनी एल शेखर ने धाम में स्थित गंगेश्वर महादेव का विधि-विधान से पूजन और आराधना कर शास्त्रोक्त विधि से रुद्राभिषेक किया। मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि पिछले साल से यह नवाचार हुआ है। इस बार भी प्रधान विग्रहों के रुद्राभिषेक व पूजन हो रहा है। यह क्रम महाशिवरात्रि तक चलेगा।
ध्रुपद तीर्थ से कला साधक करेंगे शिव की साधना
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को समर्पित 51वां पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ध्रुपद मेला शनिवार को तुलसी घाट स्थित द्रुपद तीर्थ पर शुरू होगा। देश-विदेश के कलाकार सुर, लय और ताल की त्रिवेणी प्रवाहित करेंगे। देशभर के घरानों के कलाकार हाजिरी लगाने पहुंचेंगे।
छह पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकार भी संगीत के जरिये शिव की साधना करेंगे। शुभारंभ ध्रुपद गायक प्रो. ऋत्विक सान्याल के सधे सुरों से होगा। महाराजा बनारस विद्या मंदिर न्यास एवं ध्रुपद समिति की ओर से अर्ध शताब्दी को पार कर चुके ध्रुपद मेले का शुभारंभ शनिवार को शाम सात बजे काशी नरेश परिवार के अनंत नारायण सिंह, संयोजक संकटमोचन मंदिर के महंत विश्वंभर नाथ मिश्र व संगीतज्ञ पं. राजेश्वर आचार्य करेंगे। इसके बाद पूरी रात संगीत की गंगा प्रवाहित होगी।
पहले दिन देवव्रत मिश्रा, प्रो. ऋत्विक सान्याल, पं. विशोख शील सहित कई कलाकारों की प्रस्तुति होगी। जबकि पं. राजेश्वर आचार्य, पं. शिवनाथ मिश्रा, पं. प्रेम कुमार मलिक और उनके पुत्र प्रशांत मलिक व निशांत मलिक की भी प्रस्तुति होगी।
तीन से चार पीढि़यों से लगा रहे हाजिरी
ध्रुप मेला में काफी कलाकारों की तीन से चार पीढि़यां हाजिरी लगा रहे हैं। पखावज गुरु पं. अमरनाथ मिश्र के पौत्र प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्रा और वर्तमान में उनके प्रपौत्र पुष्करनाथ मिश्रा चौथी पीढ़ी मेला का प्रतिनिधित्व कर रही है।
छह लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
श्री काशी विश्वनाथ धाम में शुक्रवार को भी देर रात तक छह लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। हालांकि रात 9:30 बजे तक 4.96 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। वहीं, गुरुवार को 6.11 लाख ने दर्शन किया था। धाम के चारों गेट पर भक्तों की लंबी कतार लगी रही। उधर, लखनऊ के एक श्रद्धालु ने सीईओ विश्वभूषण से संपर्क किया।
बताया कि वे भारतीय सेना में थे। श्रीनगर में पोस्टिंग के दौरान उनके पैर में गोली लगी थी। एक साल से चलने-फिरने में असमर्थ हैं। सीईओ ने उन्हें सुगम दर्शन कराया। काशी विश्वनाथ मंदिर में दिव्यांग, बुजुर्ग व बच्चों के लिए भी सुगम दर्शन की व्यवस्था दी जा रही है।