किसी को भायी ‘किकी और पिकलू की लुकाछिपी’ किसी को ‘लाल बस’
लखनऊ, 2 मार्च। रवीन्द्रालय चारबाग लान में कल से नौ मार्च तक चलने वाले लखनऊ पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों के संग ही अभिभावकों के संग आये बच्चों की खूब भीड़ ने मेले की बाल साहित्य की थीम को सार्थक कर दिया।
बाल साहित्य की थीम पर आधारित इस पुस्तक मेले के सबसे करीने से सजे चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट के स्टॉल पर लखनऊ बुक फेयर में 10 पुस्तकें एकदम नयी हैं। इनमें किकी और पिकलू की लुकाछिपी, कितना लम्बा होता है एक मिनट, छोटू देखा नहीं देखा, तैनजिन के याक, दो का दम, यह खटोला किसका है, राजा की दावत, रोना बुरा नहीं और लाल बस जैसी किताबें शामिल हैं। अंग्रेज़ी में भी बहुत सी चित्रों वाली और कहानियों की किताबें हैं। ट्रस्ट की योजना देश के प्रमुख शहरों में बच्चों के लिए फन ज़ोन्स के तौर पर खोलने जा रहा है। स्टाल पर बच्चों के लिए निःशुल्क पोस्टकार्ड रंग भरो प्रतियोगिता भी चल रही है। इस प्रतियोगिता में छह से 16 साल तक के बच्चे प्रतिभागिता कर सकते हैं। स्टाल संख्या 44 में गीता प्रेस गोरखपुर की बच्चों के लिये बहुत सी प्रेरक पुस्तकें हैं। मेले में शुभी पब्लिकेशंस, हिन्द युग्म, जैको पब्लिशिंग, निखिल पब्लिशर्स जैसे कई स्टालों पर बाल उपयोगी साहित्य उपलब्ध है। इसके अलावा रोचक पजल और खिलौनों के स्टाल भी मेले में हैं।
निखिल प्रकाशन की ओर से मेले के साहित्यिक मंच पर आज डा.रुचि श्रीवास्तव के बाल कहानी संग्रह खुला पिटारा सुनो कहानी और हास्य व्यंग्य संग्रह मुट्ठी भर मुस्कान वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल सिन्हा की अध्यक्षता में हुए समारोह में किया गया। समारोह में अतिथियों के तौर पर उपस्थित विनय श्रीवास्तव, डा.मीरा दीक्षित के साथ ही मुख्य रूप से अलका प्रमोद और नीलम राकेश ने विचार व्यक्त किये। इससे पहले सुबह कार्यक्रमों की शुरुआत आभूषण काव्यात्मक अभिव्यक्ति पटल की काव्य गोष्ठी से हुई। शाम को काव्या एक सतत् यात्रा के काव्य समारोह में विविधता भरी कविताओं की गूंज रही। आशा श्रीवास्तव की सरस्वती वंदना से प्रारम्भ कवि सम्मेलन में विद्वानों का स्वागत संयोजक निवेदिता श्री ने किया। पहली रचना स्मृतियों की छांव हिमांशु शुक्ल ने पढ़ी। इसके बाद रश्मि सिंह, सौरभ अवस्थी आदि 24 रचनाकारों ने अलग-अलग विषयों का काव्यरस श्रोताओं को प्रदान किया। विशाल की अगुवाई आई टीम के रुस्तम, शिवम, आकाश, दीपक, अखिल इत्यादि ने शिक्षा, पर्यावरण और लिंग भेद पर नाटक- ई फार एजूकेशन प्रस्तुत किया। इससे पहले आयो रे आयो रे...., पिया घर आयो.... जैसे गीतों पर संध्या, पूर्वी, नैना, प्रियांशी, यशी, निधि आदि ने समूह नृत्य किया। आर्गन पर ये देश मेरी जान है गीत बजाने वाले कृष्णा गुप्ता के साथ राज, अंश, किशन, अजय, विराट, अनिरुद्ध रिया ने इसे खूबसूरती से गाया। इसके साथ ही मेले में पृथ्वी इनोवेशन की ओर से पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का दौर चला।
मेले में 3 मार्च को
दोपहर 12ः30 बजे बच्चों और युवाओं के कार्यक्रम
अपराह्न 3ः30 बजे पुस्तक लोकार्पण निखिल प्रकाशन
शाम 5ः00 बजे पुस्तक लोकार्पण कोई नया नाम दो महेन्द्र भीष्म
शाम 7ः 00 बजे अपराजिता संस्था का कार्यक्रम