रेलवे काउंटर से दो महीने पहले शुरू हुई टिकट बुकिंग, यात्रियों को मिल नहीं पा रहा टिकट , दलालों का चांदी

Update: 2025-03-04 05:07 GMT


भारतीय रेलवे ने अब टिकट बुकिंग की समयसीमा को घटाकर 60 दिन कर दिया है.  अब यात्री 60 दिन पहले से ट्रेन का टिकट बुक करा सकते हैं. पहले यह अवधि 120 दिन यानी चार महीने थी. ट्रेन टिकट बुकिंग की शुरुआत अब सुबह 7 बजे से हो जाती है.

रेल मंत्रालय के अनुसार 120 दिनों के एडवांस टिकट बुकिंग में वह काफी ज्यादा कैंसिलेशन और सीटों की बर्बादी देख रहे थे। 120 दिन के एडवांस टिकट बुकिंग में 21 फीसदी टिकट कैंसिल हो जाती है और 4 से 5 फीसदी लोग यात्रा नहीं करते हैं। इसके अलावा कई बार यात्री टिकट कैंसिल नहीं करवाते हैं और यात्रा भी नहीं करते है। इसमें धोखाधड़ी होने की संभावना बढ़ जाती है और जरूरतमंद को सीट नहीं मिलती है। भारतीय रेलवे के अनुसार यात्री 4 महीने पहले टिकट की बुकिंग कर देते हैं, जबकि अधिकतम टिकट की बुकिंग यात्रा के 45 दिनों के भीतर होती है। इन सभी कारणों के वजह से भारतीय रेलवे ने एडवांस टिकट बुकिंग के समय को 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया।

इस मुश्किल में भी दलालों की कालाबाजारी का खेल जारी है। रेलवे की आधिकारिक एप आईआरसीटीसी पर सामान्य व्यक्ति के लिए दिल्ली, मुंबई, गुजरात, कानपुर आदि शहरों से गोरखपुर के रास्ते घर आने के लिए टिकट के लाले पड़े है, जबकि दलालों की मदद से लोगों को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल जा रहा है।

दलाल पूरी सक्रियता से सॉफ्टवेयर की मदद से कन्फर्म टिकट बना दे रहे हैं। इसके एवज में वह टिकट के दाम से स्लीपर के लिए 500-800 और वातानुकूलित के लिए 800-1000 रुपये अधिक वसूल रहे हैं।

मजबूरी में मिलने वाले कंफर्म टिकट देने के लिए लोग दलालों को अधिक पैसा भी देने के लिए तैयार हैं। पडरौना के अलावा कप्तानगंज, सेवरही, तमकुही, तुर्कपट्टी, दुदही में साइबर कैफे की आड़ में कालाबाजारी का यह धंधा जोर पकड़ चुका है। होली के महज पंद्रह दिन बचे हैं। ऐसे में लोगों ने मांग की कि अभियान चलाकर इन लोगों पर लगाम लगाई जाए।

रेल प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद तत्काल कोटे के टिकट में दलालों की सेंधमारी नहीं रुक पा रही है। त्योहारी सीजन में जब लाेगों को ट्रेनों में सीट नहीं मिलती तो वह दलालों को तलाशते हैं। यह दलाल उन्हें तत्काल में सीट भी उपलब्ध करा देते हैं। इसके बदले यात्री को टिकट की दर से अधिक पैसा देना पड़ता है।

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