पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण ढंग से हुई अलविदा की नमाज, डीजीपी लगातार करते रहे मॉनीटरिंग

Update: 2025-03-28 13:52 GMT
पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण ढंग से हुई अलविदा की नमाज, डीजीपी लगातार करते रहे मॉनीटरिंग

प्रदेश मे कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को अलविदा की नमाज शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो गई। अब पुलिस की नजरें आगामी ईद-उल-फितर पर्व पर हैं, जिसके लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। बता दें कि डीजीपी प्रशांत कुमार ने अलविदा की नमाज को सकुशल संपन्न कराने के लिए मातहतों को सुरक्षा के खास बंदोबस्त करने को कहा था।

अलविदा की नमाज के दृष्टिगत डीजीपी और एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश पुलिस मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष से जिलों में हो रही गतिविधियों की मॉनीटरिंग करते रहे और अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहे। खासकर संभल और मेरठ में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। इस दौरान किसी भी जिले से कोई अप्रिय घटना होने की सूचना नहीं मिली, जिससे अधिकारियों ने राहत की सांस ली। खासकर त्योहारों पर कोई नई परंपरा नहीं शुरू करने और सड़क पर नमाज नहीं होने के सीएम योगी के निर्देश का सख्ती से पालन कराया गया।

अलविदा की नमाज में रमजान के रुखसत होने का किया एलान

अलवदा...अलवदा...या शहरे रमजान। अखिरी जुमा अलविदा की नमाज के खुतबे में रमजान-उल-मुबारक के रुखसत होने का एलान हो गया। रोजेदारों ने शुक्रवार को रमजान-उल-मुबारक को नम आंखें से विदाई दी। माहे रमजान के आखिरी जुमा जामिएतुलविदा यानि अलविदा की नमाज अकीदत व एहतेराम के साथ अदा की गई। राजधानी में टीले वाली मस्जिद, ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद, आसिफी मस्जिद, दरगाह शाहमीना शाह, नदवा सहित शहर की तमाम मस्जिदों में सैकड़ों की तादात में सुन्नी व शिया मुसलमानों ने नमाज अदा की। इस मौके पर फिलिस्तीन में इजराइलियों समेत पूरी दुनियां से जुल्म से खात्मे और देश में अमन व खुशहाली की दुआएं की गई। इस दौरान मुसलमानों ने हाथ में काली पटटी बांधकर वक्फ संशोधन विधेयक का शांतिपूर्वक तरीके से विरोध किया।

रमजान-उल-मुबारक के आखिरी जुमा को जामिएतुलविदा की नमाज में शामिल होने के लिए सुबह से मस्जिदों में लोग जुटने शुरू हो गए थे। मुसलमानों की सबसे बड़ी जमात में शामिल होने के लिए बड़ी तादात में नमाजी टीले वाली मस्जिद पहुंचे। टीले वाली मस्जिद पर अलविदा की नमाज मस्जिद के इमाम मौलाना शाह फजलुल मन्नान रहमानी ने अदा कराई। नमाज से पहले खुतबे में माैलाना ने रमजान की फजीलत पर रोशनी डाली। मौलाना ने वक्फ संशोधन विधेयक को वक्फ संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाला बताया। वहीं, आसिफी इमामबाड़े में अलविदा की नमाज मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने अदा कराई। मौलाना ने खुतबे से पहले फलस्तीन में इसराइल के जुल्म का जिक्र करते हुए मुसलमानों के पहले किबला बैतुल मुकददस की इसराइलियों से आजादी की मांग की।

मौलाना ने कहा हर जालिम और जुल्म का अंत होना है। ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में अलविदा की नमाज से पहले ईदगााह के इमाम माैलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने मुसलमानों से बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने और एक दूसरे की मदद करने का आवाहन किया। मौलाना ने इसराइल की फलसतीनियों पर बर्बरता पर कहा कि बैतुल मुकददस और किब्ला अव्वल जैसी मुबारक जगहों पर इसराइलियों ने कब्जा कर रखा है और निर्दोष फिलिस्तीनी मुसलमानों का कत्ल ए आम कर रहे हैं। मौलाना किब्ला ए अव्वल और बैतुल मुकददस की वापसी और पूरी दुनियां के मुसलमानों की जानमाल, इज्जत व आबरू की सुरक्षा और उनकी प्रगति सुख समृद्धि की विशेष दुआएं की। वहीं शाहमीना शाह दरगाह की मस्जिद में काफी तादात में लोग अलविदा की नमाज में शामिल हुये। राजा बाजार स्थित मस्जिद सुब्हानियां में अलविदा की नमाज से पहले कारी मोहम्मद सिददीक और मस्जिद अबुतालिब दुबग्गा में अलविदा की नमाज का खुतबा देते हुये मौलाना काजिम वाहिदी ने रमजान की फजीलत पर रोशनी डाली।

वक्फ संशोधन विधेयक का ईद में भी काली पटटी बांध कर होगा विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर अलविदा की नमाज में मुसलमान दाएं हाथ में काली पटटी बांध कर शामिल हुए और वक्फ संशोधन विधयेक का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया। टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना शाह फजलुलमन्नान रहमानी ने कहा कि बोर्ड की अपील सभी मुसलमानों तक नही पहुंच सकी है लिहाजा ईद की नमाज में मुसलमान दाएं हाथ में काली पटटी बांध कर संदेश दे कि उन्हें वक्फ संशोधन विधेयक किसी भी सूरत में मंजूर नही है। वहीं, ऐशबाग ईदगाह स्थित जामा मस्जिद में ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने हाथ पर काली पटटी बांधकर नमाज अदा कराई। मौलाना ने नमाजियों के हाथ पर भी काली पट्टी बांधी। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर तमाम मुसलमानों ने दाहिने हाथ पर काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की है। काली पट्टी बांधकर हम संसद तक संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि पूरे देश का मुसलमान इस बिल का विरोध कर रहा है, लिहाजा बिल को वापस लिया जाए।

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