सीएचसी प्रभारी डा० वी० के० शुक्ला की उदासीनता से स्वास्थ्य सेवाएं हो रही प्रभावित, सीएचओ कर रहे मनचाही ड्यूटी
आशुतोष शुक्ल बस्ती
हर्रैया बस्ती - प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए हर प्रयास कर रही है कि गरीब एवं असहाय परिवारो को निःशुल्क इलाज व स्वास्थ्य सुविधाएं मिले और भीषण गर्मी के चलते शासन ने स्वास्थ्य उपकेंद्रो पर सुबह 08 बजे से शाम 02 बजे तक सीएचओ को केन्द्रों पर रहकर मरीजों की सेहत के जांच के लिए निर्देश दिया है इसके बावजूद सीएचओ की मनमानी चरम पर है । सूत्रों की माने तो हर्रैया सीएचसी के अन्तर्गत तकरीबन 21 स्वास्थ्य उपकेंद्र है । सीएचओ विभिन्न हेल्थ वेलनेस सेंटर/आयुष्मान आरोग्य केंद्रों पर लगभग तैनात हैं लेकिन हकीकत है यह है कि ग्रामीणों को सीएचओ के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। कागजों में जन आरोग्य केंद्र संचालित हो रहे हैं। जबकि इनकी जिम्मेदारी है कि प्रत्येक दिन केंद्र पर रहकर गैर संचारी रोगियों की स्क्रीनिंग करें और गंभीर रोगियों की रिपोर्ट चिकित्सकों को देकर उनका उपचार सुनिश्चित कराएं। स्वास्थ्य विभाग लोगों की सेहत दुरुस्त रखने की दिशा में कई योजनाएं संचालित कर रहा है। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से लोगों तक सुविधा नहीं पहुंच रही है। केशवपुर, मरवटिया, रमया ग्राम पंचायत में आयुष्मान आरोग्य केंद्र बना है लेकिन मीडिया पड़ताल सेन्टरों के दरवाजे बंद मिले और सीएचओ ड्यूटी से नदारद दिखे । केशवपुर में तैनात सीएचओ के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र पर कई महीनो हो गए है वह केंद्र पर नही दिखी । केंद्र के अगल - बगल के लोगों के पास ताले की चाबी रहती है जब कोई अधिकारी / कर्मचारी / मीडिया व अन्य लोग केन्द्र पर आते है तब आसपास के लोग ताला खोलकर केन्द्र के अन्दर की व्यवस्था दिखाते है । केन्द्र के कुछ नही है जब लोगों के बीमारी में इलाज की बात पूछी गई तो ग्रामीणों ने बताया कि वह लोग मजबूरी में प्राइवेट हॉस्पिटलों पर जाकर शुल्क देकर अपना इलाज कराते हैं । गरीब व असहाय परिवार पैसा के अभाव में छोलाछाप डाक्टरों का सहारा लेते है वही रमया स्वास्थ्य उपकेंद्र सीएचओ के बारे में प्रधान ने बताया की स्वास्थ्य उपकेंद्र कंप्लीट नहीं है वह पंचायत भवन पर बैठ कर इलाज करती हैं लेकिन मीडिया पड़ताल में स्वास्थ्य उप केंद्र तो कंप्लीट मिला । मीडिया टीम मरवटिया उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो उपकेन्द्र पर ताला लटका दिखा । उपकेंद्र के बगल के घर के दंपति ने बताया 6 महीने पहले मैडम जी आई थी उन्होंने बताया कि मेरी ड्यूटी यहां लगी है लेकिन तकरीबन 6 महीने हो गए है मैडम जी अभी सेंटर पर झांकने तक नहीं आई है । दंपति ने बताया इलाज के लिए कोसों दूर जाना पड़ता है और प्राइवेट झोलाछाप डाक्टरों से इलाज करना पड़ता है जिससे काफी समय व पैसा खर्चा करता पड़ता है । सरकार ने सारी सुविधाएं स्वास्थ्य उप केन्द्रो पर उपलब्ध कराई है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को फ्री एवं समुचित इलाज मिल सके लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सरकार की योजनाएं धरातल संचालित नहीं हो पा रही हैं विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है जिससे इन पर नकेल कसने की जगह मौन हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्र पर नदारद सीएचओ के बारे में फोन के माध्यम से जानकारी लिया तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजीव निगम ने फोन के माध्यम से कहा कि जो सीएचओ उप स्वास्थ केंद्र से डियूटी से गायब मिल रहे हैं उनके खिलाफ जांच कर विभागीय कार्रवाई की जायेगी।