कलेक्ट्रेट कार्यालय में जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण, दिए कार्य में सुधार के निर्देश
बेहतर कार्य प्रणाली से बनती है पहचान, कार्यों में लाएं पारदर्शिता और गति — जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग
ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली: जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय का औचक निरीक्षण कर विभिन्न अनुभागों की कार्यप्रणाली का गहन अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने ई-डिस्ट्रिक्ट, एईआर, आरए, राजस्व सहायक, स्थानीय निकाय, भूलेख, अधिष्ठान, अधिग्रहण, एलआरसी, शस्त्र अनुभाग एवं अभिलेखागार सहित अन्य पटल का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से कार्यों की प्रगति, फाइलों के रख-रखाव एवं लंबित प्रकरणों के निस्तारण की जानकारी प्राप्त की।
ई-डिस्ट्रिक्ट पटल का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने अब तक विभिन्न विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली तथा फाइलों के ई-ऑफिस के माध्यम से निस्तारण की अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने फाइलों के रख-रखाव एवं अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कार्य करने की इच्छा सभी में होती है, किंतु आवश्यक दिशा-निर्देशों और प्रक्रिया की जानकारी के अभाव में कार्यों में अनावश्यक देरी होती है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को अपने-अपने कार्य क्षेत्र से संबंधित गाइडलाइनों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन करने और उन्हें नियमित पालन में लाने की सलाह दी।
जिलाधिकारी ने कहा, कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है। आपकी पहचान आपके कार्य करने के तरीके और उसके परिणामों से होती है।उन्होंने निर्देश दिया कि सभी पटल पर फाइलों की क्रमवार नंबरिंग की जाए, फाइलों की सूची तैयार कर आलमारियों पर चस्पा की जाए ताकि किसी भी फाइल को ढूंढने में समय की बर्बादी न हो।
उन्होंने उपजिलाधिकारी व कार्यालय अधीक्षक सहित समस्त पटल प्रभारी को एक माह का समय देते हुए निर्देशित किया कि फाइलों के सुव्यवस्थित रख-रखाव सहित समस्त छोटी-बड़ी कमियों को दूर कर लिया जाए। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि एक माह पश्चात पुनः निरीक्षण किया जाएगा और तब किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी विराग पांडेय, कार्यालय अधीक्षक सहित सभी अनुभागों के संबंधित पटल सहायक उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने सभी से अपेक्षा व्यक्त की कि कार्य संस्कृति में सुधार लाकर कलेक्ट्रेट को एक आदर्श कार्यालय के रूप में स्थापित किया जाए।