योग गुरु बाबा रामदेव ने दिया संदेश, गोपालदास जयंती महोत्सव में आशीष प्रवचन करते हुए संत।

Update: 2025-03-01 01:16 GMT

योग गुरु बाबा रामदेव रमणरेती आश्रम में योग शिक्षा देते हुए।

महावन: (तुलसीराम)/उदासीन कार्ष्णि रमणरेती आश्रम में कार्ष्णि गोपालदास जयंती का 94 वां वार्षिक महोत्सव पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज के सान्निध्य में मनाया जा रहा है। पांच दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन प्रातः आठ बजे से गणेशादि पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया सुबह नौ बजे से दोपहर बारह बजे तक महापुरुषों द्वारा मंच के माध्यम से भक्ति की अविरल धारा बह रही है वहीं भक्ति के साथ योग का संदेश दिया गया। मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज ने कहा सत्संग का एक क्षण दुर्लभ नहीं है जो संतों द्वारा आशीष वचनों का प्रसाद ग्रहण कराया जा रहा है वह पवित्र स्थान रमणरेती आश्रम है यहां एक ओर साक्षात ठाकुर रमण विहारी विराजमान हैं दूसरी ओर संतों को मार्गदर्शन कराने वाले पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरु शरणानंद महाराज जी विराजमान हैं उन्होंने कहा जो भक्त सत्य की राह पकड़ कर संतों के सान्निध्य में रहता है वहीं ईश्वर का प्रिय होता है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने योग का संदेश देते हुए कहा ब्रह्म मुहूर्त में उठकर योगासन कर शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है वहीं संतों से परस्पर भक्ति का मार्गदर्शन लेकर भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ को लेकर कहा महाकुंभ में संगम स्नान लगभग 65 करोड़ लोगों ने किया यह एक अलौकिक दृश्य था वहां सभी सनातनी हिन्दूओं ने भेदभाव भुलाकर एकजुटता का संदेश दिया है।

भगवताचार्य श्रीकृष्ण चंद्र ठाकुर जी ने भक्त की भक्ति को लेकर कथा श्रवण कराई उन्होंने कहा भक्त को कभी ईश्वर से मांगने की इच्छा प्रगट नहीं करनी चाहिए ईश्वर उसे स्वयं देने के इच्छुक होते हैं भक्त प्रह्लाद से नरसिंह भगवान ने वर के लिए कहा था लेकिन भक्त प्रह्लाद ने एक ही बात कही प्रभु क्या आपने अपनी गोद में भगवान शिव, ब्रह्मा, मां लक्ष्मी या किसी अन्य देव को गोद में बैठा कर दुलार किया है मुझे तो इसी प्रेम दुलार की आवश्यकता थी वह मुझे मिल गया मुझे किसी अन्य वस्तु की आवश्यकता नहीं है।

इसी मंच से गोविंददेव गिरि महाराज,गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज,कार्ष्णि सुमेधानंद महाराज, आदि संतों द्वारा आशीष प्रवचन दिए गए।

कार्यक्रम में कार्ष्णि हरदेवानंद महाराज,कार्ष्णि दिव्यानंद महाराज,कार्ष्णि गोविंदानंद महाराज, कार्ष्णि नागेंद्र महाराज, चंदर अरोड़ा, उमेश जटवानी, सुधीर यादव आदि भक्त मौजूद रहे

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