कानपुर जिला कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह की दरियादिली देखने को मिली है. डीएम ने बेटी का UPSC कोचिंग में दाखिला कराया.

Update: 2025-03-02 11:21 GMT

कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की दरियादिली देखने को मिली है. डीएम ने जनसुनवाई में पहुंचे एक पिता पुत्री के लिए अनोखा काम किया. कानपुर के रामकुमार कुशवाहा अपनी बेटी के साथ जिलाधिकारी की जनसुनवाई में पहुंचे थे. इसी दरमियान बुजुर्ग की बेटी ने डीएम से कहा अंकल मै पढ़ना चाहती हूं, लेकिन UPSC के लिए कोचिंग के पैसे नहीं है. बेटी की लालसा को देख डीएम ने उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी ली. डीएम ने खुद पैसे देकर उसका दाखिला UPSC की कोचिंग में कराया.

रामकुमार के कमरे में एक किराएदार ने कब्जा कर रखा था जिसे खाली करने के लिए पगड़ी में दिए गए 1 लाख 30 हजार रुपए लौटाने की स्थित नहीं है, अब किरायेदार 1,65 000 मांग रहा है. आर्थिक तंगी के चलते वो न तो बेटी को पढ़ा पा रहे हैं और न ही जीविका चला पा रहे हैं. डीएम ने बुजुर्ग की मदद तत्काल की उसके घर को किरायदार के कब्जे से मुक्त कराया और किरायेदार को 1.65000 रुपया भी दिलाए.

डीएम ने कराया समझौता

कानपुर के नौबस्ता थान क्षेत्र के रहने वाले रामकुमार कुशवाहा इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उन्होंने अपने घर में एक किराएदार को रखा था जिससे उन्होंने 1,30, 000 रुपया बतौर पगड़ी ली थी लेकिन अब तंगी के चलते वो अपने घर में कुछ व्यवसाय करना चाहते हैं. किरायेदार ने कमरा छोड़ने के लिए 130000 की जगह अब 165000 रुपया की मांग की. रामकुमार ने कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप की जनसुनवाई में फरियाद लेकर पहुंचे. डीएम जितेंद्र प्रताप ने बुजुर्ग के मकान से किरायेदार को पैसे दिलवाकर समझौता करवा दिया और बुजुर्ग का मकान खाली करा दिया.

डीएम ने UPSC कोचिंग में कराया बेटी का दाखिला

इसी दौरान बुजुर्ग की बेटी दिव्यांशी ने डीएम से कहा कि 'अंकल मै UPSC की पढ़ाई करना चाहती हुई लेकिन कोचिंग करने को हमारे पास पैसे नहीं है, मै पढ़ाई में अच्छी हूं.' डीएम ने एक कोचिंग संचालित करने वाले एक संस्थान को कॉल लगाई और उसे कहा कि ये बेटी है दिव्यांशी जो आपके यहां पढ़ाई करेंगी, कोचिंग की सारी फीस मै दूंगा, आप इसे पढ़ाइये. डीएम ने बुजुर्ग की बेटी का एडमिशन करा दिया और फीस खुद भर दी जिसे देखकर जनसुनवाई में बैठे सभी शिकायतकर्ता डीएम की सराहना करने लगे.

जिलाधिकारी ने बताया कि शहर के हर शख्स की मदद करना हमारी जिम्मेदारी है. देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुखिया सब पढ़े और सब बड़े का नारा देते हैं और काम भी करते हैं. हम भी उसके के मुताबिक काम कर रहे हैं. अगर हमारे प्रयास से किसी के सपने पूरे हो सकते हैं तो ये हमारे लिए एक बड़ा अहम पल होगा. किसी का भविष्य हमारी मदद से बन सकता है तो उसे अच्छा और क्या होगा.

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