Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 12

फिर एक कहानी और श्रीमुख "पिता"

18 Jun 2019 1:31 PM GMT
उन दोनों को भागते-भागते दो दिन और तीन रातें बीत चुकी थीं। उनके दोनों घोड़े एक दिन पहले ही गिर गए थे, तबसे वे बिना रुके पैदल ही जंगलों में भागे जा रहे...

"चंदनिया प्रीत"

11 Dec 2017 12:39 PM GMT
बात तब की है जब मुँह में 'तिरंगा' और जुबान पर 'जा झार के' वाली पनीली तान थी ..., तब रेडियो पर विविध भारती बजती थी ..., तब टाटा इंडिकॉम का 'नया...

"रेलवे वाले के यहाँ रिश्तेदारी किस्मत वाले की होती है।"

13 Nov 2017 4:27 AM GMT
आज गोधन बाबा की कुटाई के साथ ही शादी तय करने की प्रक्रिया चालू हो जायेगी। पहले के ज़माने में लड़के की तलाश से लेके रिश्ता और दिन बार तय करने की...

रेल यात्रा .....

8 Nov 2017 7:05 AM GMT
लगभग दस वर्ष पहले की बात है... एक रेल यात्रा के दौरान मैंने रेल की पटरी के समानांतर दीवार पर, एक इश्तेहार पढ़ा कि "जोश अब हर रविवार " दरअसल उस वक्त...

"दादा"

8 Nov 2017 6:39 AM GMT
शीर्षक पढते ही आपके जेहन में दो तरह के दादा लोगो का नाम आएगा- एक तो वो दादा जो घर में सबसे बुजुर्ग, सबके पूजनीय, आदरणीय और बच्चो के अतिप्रिय होते है...

"ए डार्लिंग, हेने ताको"

5 Nov 2017 11:40 PM GMT
मैट्रिक में 98% नम्बर ला कर पुरे जिले में टॉप करने वाले आलोक पांडेय बी ए में आते आते थर्ड डिवीजनल स्टूडेंट कैसे हो गए इस पर आज भी पुरे रतसड़ गांव को...

घोघा बापा का प्रेत (कहानी) -4

4 Nov 2017 10:39 AM GMT
इधर सज्जन जी महमूद गजनी की एक तिहाई सेना को नितांत अकेले ही तहस नहस करके, वीरगति को प्राप्त हो गए रेगिस्तान में। और उधर उनके बीस वर्षीय लड़के और...

"नईहर के रास्ता"

4 Nov 2017 1:27 AM GMT
"अब हमसे तहरा माई के सेवा ना होई" बाल्टी पटकत चनर बो कहली " कह कि मथुरा काशी चल जास। इन कर भार उठावे के कर्जा हमही खईले बानी का। इनका साथ के सब बुढ त...

"नईहर के रास्ता"

4 Nov 2017 1:27 AM GMT
"अब हमसे तहरा माई के सेवा ना होई" बाल्टी पटकत चनर बो कहली " कह कि मथुरा काशी चल जास। इन कर भार उठावे के कर्जा हमही खईले बानी का। इनका साथ के सब बुढ त...

सँदेसो देवकी सों कहियो...

4 Nov 2017 1:25 AM GMT
नंद बाबा चुपचाप रथ पर कान्हा के वस्त्राभूषणों की गठरी रख रहे थे। दूर ओसारे में मूर्ति की तरह शीश झुका कर खड़ी यशोदा को देख कर कहा- दुखी क्यों हो यशोदा,...

उस्ताद................( कहानी )

3 Nov 2017 3:59 AM GMT
खलील मियाँ पिछले तीस साल से सिलाई मशीन चला रहें हैं लेकिन जो नाम और पहचान उनको "उस्ताद" के वजह से मिली वह अपने सिलाई मशीन और हुनर से आज तक न मिल पायी।...

खिचड़ी की मृदुलता और तरलता ....

3 Nov 2017 1:16 AM GMT
कोई व्यक्ति जब दस्त से परेशान हो...शरीर से पानी सूखकर इस तरह से गायब हो जाये कि शरीर छुहारे की शक्ल में आ जाये। पैर जमीन पर रखते ही हलहल कांपने लगे।...
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