Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 28

ये कौन सा दयार है....

3 July 2017 11:09 AM GMT
पिछले दिनों बारिश और तूफान के कारण बिजली के कुछ पोल गिर गए हैं। लगभग पूरे बलिया जिले में लाइट नहीं आ रही।ऐसा नहीं कि हम बिजली का रोना रो रहे हैं।कहते...

'शिकायत" (कहानी)

3 July 2017 7:42 AM GMT
नित्य की भांति अपने नर्सिंग होम के सभी वार्डों का चक्कर लगाते डॉ शशिशेखर शुक्ला जब जेनरल वार्ड में पहुचे तो एक बेड के पास ठिठक गए।बेड पर एक पचास पचपन...

"अब के सजन सावन में....."

3 July 2017 7:41 AM GMT
" गांव में के के रहेला भइया?" फर्नीचर मिस्त्री अजय पूछता है। उसकी उम्र करीब 25 साल होगी पर बात में भोलापन साफ़ साफ़ दिख रहा है। आज वह...

पार्थ! युद्धाय कृतनिश्चय: ....

3 July 2017 3:16 AM GMT
शुकुल सर का नाम सुने हैं आप! क्या कहा - नहीं! तब बलिया को अभी जाने ही नहीं आप।बलिया के ही हैं शुकुल सर। शुकुल सर हैं तो संस्कृत है, शुकुल सर हैं तो...

निराश और नाकाम रोगी मिलें...

3 July 2017 3:15 AM GMT
कहते हैं जिंदगी की सबसे अच्छी कीमत वही लगा सकता है, जो रोज मरता हो। जब भी मेरा कोई दोस्त, विद्यार्थी या कोई भी उदासी, निराशा, नाकामी और मरने की बातें...

"चिट्ठी आई है"/...... कहानी

3 July 2017 1:35 AM GMT
पूरे गाँव भर में एक्के ठो थे - जगरनाथ चच्चा। थे किसी और गाँव के पर इस गांव के कई लोगों ने उन्हें अपने बचपन से देखा था। जिस जमाने में मैटरिक तक स्कूल...

सरहद

1 July 2017 1:42 PM GMT
कहते हैं कौशिला फुआ जैसी जिंदादिल औरत कुतुबपुर गाँव में क्या पूरे बलिया जिले में नहीं होगी। गाँव के किसी भी शादी बियाह में सबसे आगे आगे ।बियाह के दिन...

समाजवादी मुहब्बत का पहला खत.... (हास्य)

1 July 2017 12:53 PM GMT
डियर इनबॉक्स वाली लड़की ! ये जो साल भर से आप रोज इनबॉक्स में मैसेज करतीं हैं- 'गुडनाईट'।तो मैं क्या लिखूं! इधर से मैं भी लिख...

"सरकारी"..............: संदीप तिवारी

1 July 2017 3:51 AM GMT
मेरे गाव की "चौपाल" का कोई सानी नही !! "ब्रहम् बाबा" के चबूतरा पर "पिपर" के पेड़ के शीतल छाव में "सम-सामयिकी" पर "जोर आजमाइश" करते गॉव के...

"दो बैलों की कथा"( कहानी)

1 July 2017 3:48 AM GMT
झूरी के दू गो बैल थे, हीरा और मोती। मोती बड़ा सज्जन बैल था, झूरी उसकी नाद में जो डाल दे, वह उसी को करम का लिखा बूझ कर खा लेता और मस्त रहता था। पर हिरवा...

कुरता और .....जनकल्याण

30 Jun 2017 2:11 PM GMT
दोपहर का समय है, मैं यूँ ही पड़े पड़े जनकल्याण की सोच रहा हूँ। कुरता पहनते ही मेरे अंदर जनकल्याण की भावना हिलोर मारने लगती है, मन करता है कि किसी भी तरह...

खाओ तो विद्या माता की कसम....

30 Jun 2017 4:16 AM GMT
हो सकता है हम में से किसी ने कान्वेंट में पढ़ा हो, किसी ने विद्या मंदिर में या मेरी तरह सरकारी स्कूल में। हम सभी के स्कूल अलग-अलग, टीचर्स अलग-अलग,...
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