शहर के प्रतिष्ठित हनुमान सेतु मंदिर में प्रभु दर्शन करके भक्तजनों को जो शांति व आनंद मिलता है, उसे शब्दों में लिखा नहीं, सिर्फ महसूस किया जा सकता है. नियमित मंदिर आने वाले भक्तों का कहना है कि मंदिर में लगी हनुमान जी की मूर्ति को स्थिर मन से देखने पर लगता है कि प्रभु बोलने वाले हैं. सबका दुःख - संताप हरने वाले हनुमान जी का ज़ब मंदिर में भक्त जयकारा लगाते हैं तो सारा माहौल भक्तिमय हो जाता है.
गोमती नदी के किनारे पूज्य बाबा नीब करोरी जी महाराज द्वारा करीब 54 साल पहले हनुमान सेतु मंदिर बनवाकर श्रीहनुमान जी की सफ़ेद संगमरमर की आदमकद मूर्ति की स्थापना कराई गयी थी. धीरे - धीरे मंदिर की प्रतिष्ठा बढ़ती गयी और आज लखनऊ का सबसे स्थापित व व्यवस्थित मंदिर बन गया. वैसे तो इस मंदिर में रोज सैकड़ों भक्त देवी - देवताओं के दर्शन करने आते हैं लेकिन मंगलवार को सुबह से रात तक मंदिर में आने वाले भक्तों का ताँता लगा रहता है. दर्जनों भक्त वहीं बैठकर सुंदरकांड का पाठ भी करते हैं.
मंगलवार की सुबह व शाम की आरती में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. मंदिर में श्रीहनुमान जी के अलावा, गणेश जी, लक्ष्मी जी, सरस्वती जी, शंकर जी, राम दरबार, दुर्गा जी के साथ ही, पूज्य बाबा नीब करोरी महाराज जी की भी दो बहुत आकर्षक मूर्तियां लगीं हैं. बाबा जी की मूर्ति के सामने बड़े हॉल में अक्सर विभिन्न मंडलियों द्वारा संगीतमय भजन संध्या व सुंदरकांड आदि का पाठ होता है जिसे सैकड़ों भक्त घंटों बैठकर सुनते और आनंदित होते हैं. हर साल 26 जनवरी को मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाता है.
मंदिर ट्रस्ट की ओर से परिसर में ही बच्चों को वेदों की भी शिक्षा दी जाती है. यहां बच्चों की शिक्षा, आवास व भोजन की निःशुल्क व्यवस्था है. मंदिर में विद्वान पंडितों द्वारा रुदाभिषेक, महामृत्युँजय जाप व अन्य विशेष पूजा पाठ की भी व्यवस्था है