यदि अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह के उस पत्र का खुलासा न करते, जिसमें मुलायम सिंह ने चुनाव आयोग से यह अनुरोध किया था, कि सायकिल चुनाव चिह्न अखिलेश को दे दिया जाये, तो उन्हे चुनाव चिह्न कभी नही मिलता। क्योंकि अमर सिंह जैसा माहिर खिलाड़ी यहाँ हार नहीं जाता। हो सकता है कि किसी को भी सिंबल नहीं मिलता। जैसे ही यह सच्चाई अमर सिंह ने बयां कि अखिलेश समर्थक जो कल तक मुलायम सिंह की बुराई कर रहे थे, वे भी यह कहने के लिए मजबूर हो गए कि बाप हो तो ऐसा । जो लड़ाई के समय भी अपने बेटे का कल्याण ही कर गया। इस प्रकार मुलायम सिंह हार कर भी जीत गए।
– प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र यादव