बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी, दो महीनों में 11 की मौत

Update: 2025-03-13 01:57 GMT

ढाका। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी है। देश में महज दो महीनों में अल्पसंख्यकों पर हमले और उन्हें प्रताडि़त करने की 92 घटनाएं हुई हैं। सरकारी मशीनरी से अल्पसंख्यकों को सुरक्षा और न्याय नहीं मिल रहा है।

एंटोनियो गुटेरस करेंगे बांग्लादेश की यात्रा

यह बात बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद ने कही है। परिषद की ओर से यह बयान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस की बांग्लादेश यात्रा से ठीक पहले आया है।

परिषद ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि इन 92 घटनाओं में 11 हत्याएं हुई हैं, तीन घटनाएं दुष्कर्म की हैं, मंदिरों पर हमले की 25 घटनाएं हुई हैं, एक मामले में धार्मिक आधार पर बेइज्जत किया गया, छह मामलों में धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यक्तियों पर हमले किए गए और 38 मामले अल्पसंख्यकों की संपत्ति की लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ के हैं।

अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नौकरी से निकाला गया

दो मामलों में धार्मिक भेदभाव करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नौकरी से निकाला गया। जबकि चार अगस्त से 31 दिसंबर 2024 तक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर उन्हें जान-माल-प्रतिष्ठा का नुकसान पहुंचाने की 2,184 घटनाएं हुई थीं।

शेख हसीना के जाने के बाद हुई घटनाएं

ये सारी घटनाएं बांग्लादेश से शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद की हैं। एक अन्य घटनाक्रम में बुधवार को बांग्लादेश के प्राइवेट स्कूल के शिक्षक और शिक्षिकाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन पर पानी की बौछार की। देश भर से आए ये शिक्षक प्राइमरी स्कूलों के राष्ट्रीयकरण की मांग को लेकर ढाका में एकत्रित हुए थे।

बांग्लादेश में नहीं थम रहा यूनुस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ लगातार हिंसा बढ़ रही है। बांग्लादेश के कई जिलों में बच्चियों के साथ बलात्कार के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध के विरोध में बांग्लादेश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।

बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रहीं

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन बच्चों का यौन उत्पीड़न किया गया, वे सभी छह से चौदह वर्ष की आयु के हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई ने प्रमुख बांग्लादेशी समाचार पत्र द डेली स्टार की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि यौन उत्पीड़न की शिकार एक किशोरी ने स्थानीय मध्यस्थता बैठक के दौरान झूठा आरोप लगाए जाने और बदनाम किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली।

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