दलबदल कानून के तहत नसीमुद्दीन की विधायकी पर संकट

Update: 2017-06-30 02:44 GMT

लखनऊ :  बागी नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधानपरिषद सदस्यता खत्म कराने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने आज याचिका दायर की है। विधान परिषद में बसपा दल नेता सुनील कुमार चित्तौड़ ने परिषद के सभापति रमेश यादव से सिद्दीकी की सदस्यता को दलबदल कानून के तहत निरस्त करने की मांग की। राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा गत 27 मई को राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा नाम से पृथक राजनीतिक दल गठित कर लिया गया है।

बसपा प्रत्याशी के तौर पर निर्वाचित
सिद्दीकी मूल रूप से बसपा प्रत्याशी के तौर पर 23 जनवरी, 2015 को निर्वाचित हुए थे। याचिका में चित्तौड़ ने कहा कि दलबदल नियमावली-1987 के अनुरूप सिद्दीकी द्वारा नया दल गठित कर लेने पर उन्हें बसपा छोडऩे का आरोपी मानते हुए सदस्यता निरस्त कर दी जाए। राष्ट्रीय महासचिव मिश्रा ने बताया कि सिद्दीकी की विधानपरिषद से सदस्यता समाप्त होने के साथ ही उनको बतौर सदस्य मिलने वाले भत्ते और अन्य सुविधाएं भी 27 मई, 2016 से बंद की जाएं। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी बसपा स्वामी प्रसाद मौर्य की 16वीं विधानसभा में सदस्यता खत्म करा चुकी है।
नसीमुद्दीन देंगे जवाब
मौर्य ने भी बसपा से बगावत कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। मौर्य 17वीं विधानसभा के लिए चुनाव जीत कर सदस्य निवार्चित हुए और वर्तमान में योगी सरकार में श्रम मंत्री हैं। नसीमुद्द्नीन ने सदस्यता समाप्त करने के संबंध में बसपा द्वारा दायर याचिका पर कहा कि उन्होंने तो पार्टी छोड़ी नहीं बल्कि पार्टी ने उन्हें निष्कासित किया है। ऐसे में उनकी सदस्यता समाप्त किए जाने का कोई नियम नहीं है। इस संबंध में जब उनके पास नोटिस आएगा तब नियमानुसार जवाब देंगे। 

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