जलसमाधि की धमकी पर संतों को मनाने पहुंचा प्रशासनिक अमला

Update: 2017-07-06 13:19 GMT
अयोध्या। फैज़ाबाद, वासुदेव यादव
अयोध्या में सरयू किनारे कुटिया बनाकर रहने वाले दो दर्जन से अधिक संतों द्वारा सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर के बावजूद अपना आश्रम न छोड़ने और जलसमाधि ले लेने की चेतावनी व धमकी के बाद जिला प्रशाशन हरकत में आ गया है । संतों द्वारा दी गयी चेतावनी के बाद नेपाली बाबा नारायण धाम संतों को मनाने जिले के अधिकारी जिसमें एडीएम सिटी विंध्यवासिनी राय एसपी सिटी अनिल सिदौदिया ,रेजिडेंट मजिस्ट्रेट अशोक कुमार बाढ़ नियंत्रण अधिशासी अभियंता जे पी यादव तथा वर्तमान विधायक वेद गुप्ता पहुंचे आश्रम ।
   जहां पर सरयू नदी की बढ़ रही कटान को निरीक्षण किया और आश्रम के संतो को वहां से हटने का भी निवेदन किया। लेकिन नेपाली बाबा अपनी जिद पर अड़े रहे । निरीक्षण में अधिकारियों ने बताया कि काफी तेजी से कटान हो रही है । कटान 2 दिन के अंदर लगभग 40 फुट से ऊपर अधिक कटान हो चुकी है अब स्थान से मात्र 40 मीटर दूरी तक ही कटान रह गया है जिसके लिए अब प्रशासन के माथे पर पसीना आ चुका है क्योंकि संत वहां से हटने को तैयार नहीं हैं।
संतों ने कहा कि हमने पहले ही प्रशाशन से मांगी थी मदद नही हुई कोई सुनवाई
फैजाबाद गोरखपुर हाइवे के किनारे सरयू नदी के कछार में बीते 3 वर्षों से रहने वाले नेपाली बाबा के शिष्य हंसदास व संतो ने अपना आश्रम नहीं छोड़ा है। कटान के कारण इन संतो के आश्रमों पर खतरा मंडरा रहा है लेकिन संतो ने अपने आश्रम को खाली नहीं किया है। संतों का कहना है की इस क्षेत्र में बंधा बनाने को लेकर जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार को पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई एक बार फिर से सरयू नदी का जलस्तर बढ़ रहा है जिससे आश्रम और आश्रम में रहने वाले साधु संतों को जान का खतरा है लेकिन साधु संत कह रहे हैं कि वह अपना आश्रम छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे भले ही नदी की कटान से उनका आश्रम बह जाए और उन्हें भी जल समाधि लेनी पड़े । श्री सीताराम नाम नारायण धाम आश्रम के नाम से आश्रम बनाकर 2 दर्जन से अधिक साधु-संत सरयू तट के किनारे रह रहे हैं ।वही बाढ़ नियंत्रण अधिशासी अभियंता जेपी यादव ने बताया की इस वर्ष पानी की क्षमता अगले वर्ष से कम है लेकिन पानी की रफ्तार और क्षमता कम होने के कारण यह लगातार कटान होता जा रहा है । इधर 6 दिनों में सरयू नदी में हो रहे कटान की रफ्तार तेज हो गई है इसके लिए अपने उच्च अधिकारियों को सूचित कर बंधे पर बसे गांव को सुरक्षित करने के जल्द से जल्द उपाय किया जायेंगे । यहां पर आजकल खतरा मंडरा रहा है। यह आश्रम नदी में समा भी सकता है, लेकिन जिले के अफसरान सीरियस अभी नही हैं।

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