मायावती के समर्थन में उतरी सपा, रामगोविंद चौधरी बोले- इस देश और प्रदेश में अघोषित इमरजेंसी
राज्यसभा में बोलने नहीं दिए जाने के विरोध में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपना इस्तीफा सभापति को सौंप दिया है. इस बीच उत्तर प्रदेश में बसपा की सबसे बड़ी विरोधी पार्टी समाजवादी पार्टी भी मायावती के समर्थन में आ गई है.
समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने मायावती मामले में मंगलवार को कहा कि इस देश और प्रदेश में अघोषित इमरजेंसी है. विरोधी पार्टी के लोगों को बोलने नहीं दिया जा रहा है. जो बोलता है, उस पर छापा मारा जाता है.
राम गोविंद चौधरी ने आगे कहा कि लालू प्रसाद यादव पर एक साल में चार बार छापा मारा गया. वहीं मायावती के भाई पर छापा मारा गया. उन्होंन कहा कि देश और प्रदेश में कर्फ्यू लगा हुआ है.
इससे पहले समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने भी मायावती का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें बोलने नहीं देने की घटना लोकतंत्र के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि राज्यसभा की पीठ, सरकार को मामले का संज्ञान लेना चाहिए. सरकार आती-जाती रहती है, विपक्ष का सम्मान होना चाहिए. किसी भी दल से विपक्ष में बोलने का हक नहीं छीना जा सकता.
दरअसल संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन उस वक्त हंगामे की भेंट चढ़ गया, जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने संसद से इस्तीफे की धमकी दी.
मंगलवार को मायावती ने उत्तर प्रदेश में हो रहे दंगों पर अपनी प्रतिक्रिया दी. सदन की कार्यवाही के दौरान उन्होंने कहा, मेरी बात नहीं सुनी गई तो मैं इस्तीफा दे दूंगी. इसके बाद वह राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर सदन से बाहर चली गईं.
मायावती ने कहा, मैं जिस समाज से आती हूं यदि उनके हित की बात आगे नहीं रख सकती तो मुझे राज्यसभा में बने रहने का अधिकार नहीं है. इस बीच समय की कमी के कारण सभापति ने उन्हें बोलने से रोका तो उन्होंने इस्तीफे की धमकी दे दी.