योगी के पास इस्तीफा लेकर गए मेट्रो मैन, सीएम ने और काम देकर विदा किया

Update: 2017-07-21 06:49 GMT

अपने काम के बोझ को कम करने के इरादे से 85 वर्षीय ई श्रीधरन ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे और लखनऊ और कानपुर मेट्रो प्रॉजेक्ट्स के लिए सलाहकार की भूमिका से इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन हुआ इसका उल्टा, उन्हें सीएम ने और काम पकड़ा दिया। इसके बाद श्रीधरन कोच्चि लौट गए। कोच्चि में डीएमआरसी ऑफिस के कॉन्फ्रेंस रूम में श्रीधरन ने बताया कि सीएम योगी आदित्य नाथ ने कहा कि मैं तुम्हें इस्तीफा देने की इजाजत नहीं दे सकता। मैं वाराणसी, आगरा, मेरठ और गोरखपुर को भी तुम्हारे काम में जोड़ रहा हूं। श्रीधरन लंबे समय से मेट्रो के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें मेट्रो मैन के रूप में जाना जाता है। श्रीधरन ने कहा कि गोरखपुर, आगरा और मेरठ में मेट्रो के लिए सर्वे शुरू हो गया है। लखनऊ में 10.5 किलोमीटर की पहले फेज की मेट्रो बनकर तैयार है, बस उसका मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त को निरीक्षण करना है।उत्तर प्रदेश में मेट्रो की योजना के बारे में श्रीधरन ने बताया कि कानपुर में डिपो बनकर तैयार है। इसके अलावा वाराणसी मेट्रो परियोजना की रिपोर्ट तैयार है लेकिन इसमें कुछ संशोधन करना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम योगी वाराणसी की रिपोर्ट से खुश नहीं थे। वह मंदिर के पास किसी भी तरह का निर्माण नहीं कराना चाहते। वह चाहते हैं कि मेट्रो अंडरग्राउंड हो। साथ ही मेट्रो हल्की भी होनी चाहिए। इसके अलावा मेट्रो के कोच ज्यादा वाइब्रेशन और आवाज वाले नहीं होने चाहिए।


हालांकि कई शहरों में मेट्रो प्रॉजेक्ट्स पर काम चल रहा है, श्रीधरन का मानना ​​है कि अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है। चीन हर साल 300 किलोमीटर की मेट्रो तैयार करता है और हम सिर्फ 22 किलोमीटर। यदि शहरों को सर्वाइव करना है, तो मेट्रो का होना जरूरी है। हमें कम से कम 200 किलोमीटर मेट्रो हर साल बनानी होगी।

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