स्कूल जा रही 12वीं की छात्रा रागिनी की सरेराह हत्या करने वाले दो दरिंदों को पुलिस ने बुधवार को जेल भेज दिया। दोनों को गोरखपुर से दबोचने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। मुख्य आरोपी के पिता और प्रधान समेत तीन अन्य आरोपित अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। एसपी सुजाता सिंह ने सभी आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने की बात कही है। उधर, मंगलवार की देर रात रागिनी का शहर से सटे महावीर घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि पिता जितेन्द्र दूबे ने दी।
रागिनी की हत्या करने के बाद प्रधान कृपाशंकर तिवारी का बेटा आदित्य तिवारी उर्फ प्रिंस अपने साथी राजू यादव को लेकर बाइक से ही गोरखपुर भाग निकले थे। घटना के तत्काल बाद उसके मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया गया और मंगलवार की देर रात ही पकड़ लिया गया। दोनों को बलिया लाने के बाद पूछताछ शुरू हुई तो प्रधान के बेटे ने पुलिस को बरगलाने की भी कोशिश की। एसपी के अनुसार अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। सभी आरोपितों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करेगी। हम चाहते हैं कि इस तरह का सजा मिले ताकि अन्य अपराधी भी डरें। पुलिस दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का प्रयास करेगी। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिये भी उचित इंतजाम किये गये हैं।
अबभी पीड़ित परिवार को धमका रहे आरोपित
बजहां गांव में रागिनी का परिवार अबभी सदमे में है। हद तो यह कि दरिंदे अबभी परिवार को धमकी दे रहे हैं। हालांकि परिजनों को भरोसा है कि बेटी के कातिलों को सजा जरूर मिलेगी।
रागिनी के पिता जितेन्द्र दूबे का कहना है कि हत्याकांड के तत्काल बाद दरवाजे पर पहुंचकर प्रधान कृपाशंकर तिवारी ने धमकाया तथा पुलिस को खबर देने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी। अब प्रधान का एक रिश्तेदार, जो यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर है, फोन कर धमकी दे रहा है। उनका कहना है कि बेटी की हत्या के बाद पूरा परिवार सदमे में है। साथ ही मिल रही धमकियों से सहमा हुआ भी है।
प्रधान के घर लटका ताला, परिजन फरार
रागिनी की हत्या के बाद से ही दरिंदा प्रिंस तिवारी के अलावा उसका चचेरा भाई, दोस्त व प्रधान पिता कृपाशंकर तिवारी सभी फरार हो गये थे। परिवार के अन्य सदस्य भी घर में ताला लगाकर फरार हो गये हैं। बुधवार को भी आरोपित प्रधान के घर पर ताला पड़ा था।
ग्रामीणों के अनुसार आरोपित प्रधान कृपाशंकर तिवारी का सबसे बड़ा भाई उमाशंकर तिवारी यूपी पुलिस में सिपाही है। उसका एक बेटा पीएसी में तैनात है, जबकि दूसरा प्राईवेट नौकरी करता है। तीसरा सोनू रागिनी हत्याकांड में नामजद है तथा फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर है। प्रधान का एक अन्य भाई दयाशंकर तिवारी यूपी पुलिस में कांस्टेबल थे तथा चौथे नम्बर का प्रेमशंकर तिवारी पीएसी में कार्यरत था। इन दोनों की कुछ माह पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। तीसरे नम्बर का भाई विजयशंकर गांव पर ही रहता है। रागिनी हत्याकांड का मुख्य आरोपित आदित्य उर्फ प्रिंस ग्राम प्रधान का इकलौता पुत्र है।
चट्टी पर होता रहा है अराजक तत्वों का जमावड़ा
भवानी पीठ होने के नाते शंकरपुर चट्टी की पूरे जिले में पहचान है। मंदिर पर दर्शन-पूजन के लिये हर रोज भक्तों की भीड़ जुटती है। दर्जनों गांवों के लोग अपने जरुरत का सामान चट्टी पर खरीदने पहुंचते हैं तथा आसपास स्थित स्कूलों में छात्राएं प्रतिदिन पढ़ाई करने जाती हैं।
चट्टी से चंद कदम दूर बजहां गांव में मंगलवार को रागिनी की हत्या के बाद बजहां ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों के लोग भी खौफजदा हैं। उनका कहना है कि स्कूल टाईम पर आवारा युवकों की टीम चट्टी पर अक्सर चक्रमण करती है। कुछ साइकिल से तो कुछ मोटरसाइकिल से रास्ते से गुजर रही लड़कियों का पीछा करते नजर आते हैं। कई बार कुछ लोगों ने हिदायत भी दी तथा कुछ लोगों ने लड़कियों का पीछा करने पर उनकी पिटायी भी की है। बावजूद इसके हालात नहीं बदले हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मंगलवार को हुई इस हत्याकांड के बाद फिलहाल बैठकी करने वाले युवक गायब हैं, लेकिन आशंका है कि समय बीतने के बाद वह एक बार फिर सक्रिय होंगे। ऐसे में जरुरत इस बात की है कि पुलिस गंभीरता दिखाये तथा लड़कियों को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में पहल करें।