समाजवादी पार्टी इस बार महापौर सीट पर नया चेहरा लेकर सामने आ सकती है, कहा जा रहा है कि चार दिनों की राजनीतिक उठापटक के बीच एक गैर राजनीतिक चेहरे पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मुहर लगा दी है।
कानपुर। समाजवादी पार्टी इस बार महापौर सीट पर नया चेहरा लेकर सामने आ सकती है। कहा जा रहा है कि चार दिनों की राजनीतिक उठापटक के बीच इस गैर राजनीतिक चेहरे पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मुहर लगा दी है। लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवास पर इस नए चेहरे को लेकर हुई मंत्रणा के बाद सपा अब कांग्रेस को भी अपने नए चेहरे को समर्थन देने की जुगत में लगी है।
अभी तक माना जा रहा है कि भाजपा वैश्य बिरादरी से जुड़ी महिला को मैदान में उतारने का मन बना रही है। इस बीच समाजवादी पार्टी महापौर पद पर अपनी जीत तय मानकर चल रही है। सपा पदाधिकारियों को लग रहा है कि जीएसटी की वजह से भाजपा सरकार के प्रति व्यापारियों में जो नाराजगी अभी भी कायम है, उसका फायदा उनकी पार्टी को मिलेगा।
इसी तरह शहर में पांच लाख से अधिक मुस्लिम मतदाताओं में से ज्यादातर वोट सपा के खाते में आएंगे। यह उम्मीद भी पार्टी के लोग पाले हुए हैं। सपा के इस नए चेहरे को लेकर चर्चा इसलिए भी तेज हो गई है कि पार्टी का दूसरा गुट (फजल महमूद) अब महापौर प्रत्याशी की खोज बंद कर चुका है। उसे भी राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से सिग्नल मिल गया है। सपा विधायक अमिताभ बाजपेई का कहना है कि पार्टी की अपनी तैयारी है। प्रत्याशी कौन होगा यह राष्ट्रीय अध्यक्ष को तय करना है।
सपा के इस नए चेहरे का ताल्लुक एक प्रमुख पार्टी के बड़े और चर्चित ब्राह्मण नेता के परिवार से है। पार्टी के एक विधायक के जरिये बातचीत आगे बढ़ी है, जिसे फाइनल माना जा रहा है। सपा उस स्थिति में इस चेहरे की जगह दूसरी जाति को मौका देगी, जब भाजपा भी ब्राह्मण पर ही दांव लगाएगी।