नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2015 के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार देश में हत्या और अपहरण की सबसे ज्यादा वारदातें यूपी में हुईं। देशभर में जितनी हत्याएं हुईं, उनमें से 14.70 फीसदी अकेले यूपी में हुईं। जबकि अपहरण की वारदातें 14.3 फीसदी रहीं।
दुष्कर्म की बात करें तो यूपी के पड़ोसी मध्यप्रदेश ने सबको चौंका दिया है। हालांकि गैंगरेप की सर्वाधिक वारदातें यूपी में ही हुईं। एनसीआरबी की जारी रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 में पूरे देश में 33,082 लोगों की हत्या हुई। इनमें से 4,860 यूपी में हुई। वहीं, अपहरण की 84,483 में 12,034 वारदातें अकेले यूपी में हुईं।
पुलिस पर कलंक: हिरासत में चार गैंगरेप, चारों यूपी में
एनसीआरबी की रिपोर्ट ने यूपी पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं। देश में हिरासत में गैंगरेप की कुल चार वारदातें हुईं। शर्मनाक यह है कि चारों वारदातें यूपी में ही हुई हैं। देश में हिरासत में दुराचार के 95 मामलों में से 91 यूपी पुलिस ने किए।
...लेकिन सूबे में महिलाओं के प्रति अपराध हुए कम
- 2014 में दुराचार के 3,468 मामले सामने आए। 2015 में घटकर 3,029 हो गए। दहेज हत्या के मामले में 2,473 से घटकर 2,338 हो गए।
- महिलाओं पर यौन हमलों की संख्या 8645 से घटकर 7,885 पर आई है।
पुलिस पर कलंक: हिरासत में चार गैंगरेप, चारों यूपी में
एनसीआरबी की रिपोर्ट ने यूपी पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं। देश में हिरासत में गैंगरेप की कुल चार वारदातें हुईं। शर्मनाक यह है कि चारों वारदातें यूपी में ही हुई हैं। देश में हिरासत में दुराचार के 95 मामलों में से 91 यूपी पुलिस ने किए।
...लेकिन सूबे में महिलाओं के प्रति अपराध हुए कम
- 2014 में दुराचार के 3,468 मामले सामने आए। 2015 में घटकर 3,029 हो गए। दहेज हत्या के मामले में 2,473 से घटकर 2,338 हो गए।
- महिलाओं पर यौन हमलों की संख्या 8645 से घटकर 7,885 पर आई है।
हर रोज आठ महिलाओं से हुआ रेप
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे। महिलाएं दुराचार, गैंगरेप, शादी के लिए अपहरण से लेकर एसिड अटैक और दहेज हत्या तक की शिकार हो रही हैं।
सूबे में वर्ष 2015 के दौरान हर रोज आठ महिलाओं के साथ दुराचार हुआ। पिछले साल यहां 3000 से अधिक महिलाओं से दुराचार किया गया। वहीं, सूबे में 459 महिलाओं से गैंगरेप हुए, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। अपहरण के भी सबसे ज्यादा मामले यहां दर्ज किए गए।
उत्तर प्रदेश में हुए कुल अपहरण के मामलों में 69 प्रतिशत अपहरण लड़कियों के थे। प्रदेश की हर 1 लाख लड़कियों में औसतन 8 लड़कियों का शादी के लिए अपहरण किया गया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से वर्ष 2015 के जारी आंकड़ों में यह सच सामने आया।
देश भर में एसिड अटैक से कुल 249 नागरिकों को जलाया गया, जिनमें अधिकतर महिलाएं ही थीं। यूपी में इनमें से सर्वाधिक 61 नागरिक शामिल थे। दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल और तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश और बिहार रहे। तेजाब फेंककर जलाने के प्रयास के जो 46 मामले देश में दर्ज हुए, उनमें सर्वाधिक 11 उत्तर प्रदेश में थे।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे। महिलाएं दुराचार, गैंगरेप, शादी के लिए अपहरण से लेकर एसिड अटैक और दहेज हत्या तक की शिकार हो रही हैं।
सूबे में वर्ष 2015 के दौरान हर रोज आठ महिलाओं के साथ दुराचार हुआ। पिछले साल यहां 3000 से अधिक महिलाओं से दुराचार किया गया। वहीं, सूबे में 459 महिलाओं से गैंगरेप हुए, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। अपहरण के भी सबसे ज्यादा मामले यहां दर्ज किए गए।
उत्तर प्रदेश में हुए कुल अपहरण के मामलों में 69 प्रतिशत अपहरण लड़कियों के थे। प्रदेश की हर 1 लाख लड़कियों में औसतन 8 लड़कियों का शादी के लिए अपहरण किया गया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से वर्ष 2015 के जारी आंकड़ों में यह सच सामने आया।
देश भर में एसिड अटैक से कुल 249 नागरिकों को जलाया गया, जिनमें अधिकतर महिलाएं ही थीं। यूपी में इनमें से सर्वाधिक 61 नागरिक शामिल थे। दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल और तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश और बिहार रहे। तेजाब फेंककर जलाने के प्रयास के जो 46 मामले देश में दर्ज हुए, उनमें सर्वाधिक 11 उत्तर प्रदेश में थे।
सूबे में वर्ष 2015 के दौरान हर रोज आठ महिलाओं के साथ दुराचार हुआ। पिछले साल यहां 3000 से अधिक महिलाओं से दुराचार किया गया। वहीं, सूबे में 459 महिलाओं से गैंगरेप हुए, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। अपहरण के भी सबसे ज्यादा मामले यहां दर्ज किए गए।
उत्तर प्रदेश में हुए कुल अपहरण के मामलों में 69 प्रतिशत अपहरण लड़कियों के थे। प्रदेश की हर 1 लाख लड़कियों में औसतन 8 लड़कियों का शादी के लिए अपहरण किया गया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से वर्ष 2015 के जारी आंकड़ों में यह सच सामने आया।
देश भर में एसिड अटैक से कुल 249 नागरिकों को जलाया गया, जिनमें अधिकतर महिलाएं ही थीं। यूपी में इनमें से सर्वाधिक 61 नागरिक शामिल थे। दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल और तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश और बिहार रहे। तेजाब फेंककर जलाने के प्रयास के जो 46 मामले देश में दर्ज हुए, उनमें सर्वाधिक 11 उत्तर प्रदेश में थे।
हर रोज देश में दहेज के लिए 21 महिलाओं की हत्या
एक ओर दहेज कानूनों की सख्ती कम करने की बात की जा रही है, लेकिन देश में कुल 7,646 महिलाओं की दहेज के लिए हत्या कर दी गई। यानी हर रोज 21 महिलाओं को दहेज के लिए मार दिया गया।
वहीं, सर्वाधिक 2,338 दहेज हत्याएं उत्तर प्रदेश में की गईं। यह कुल हत्याओं का करीब 30 प्रतिशत था। 2015 में हत्या के सबसे ज्यादा मामले यूपी में दर्ज किए गए।
यहां 4,860 लोगों की हत्या कर दी गई। यह देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है। डकैती के दौरान हत्याओं से लेकर लूट तक के सबसे ज्यादा मामले यूपी में ही हुए।
एनसीआरबी के अनुसार, करीब 19 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 27.76 लाख लोगों ने विभिन्न माध्यमों से पुलिस के पास शिकायतें भेजीं। यह देश में की गई कुल 78.32 लाख शिकायतों का करीब 36 प्रतिशत है। शिकायतों की इतनी बड़ी संख्या के पीछे 1090 वीमेन पावरलाइन और डायल 100 जैसी सुविधाओं को वजह माना जा रहा है।
वहीं, सर्वाधिक 2,338 दहेज हत्याएं उत्तर प्रदेश में की गईं। यह कुल हत्याओं का करीब 30 प्रतिशत था। 2015 में हत्या के सबसे ज्यादा मामले यूपी में दर्ज किए गए।
यहां 4,860 लोगों की हत्या कर दी गई। यह देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है। डकैती के दौरान हत्याओं से लेकर लूट तक के सबसे ज्यादा मामले यूपी में ही हुए।
एनसीआरबी के अनुसार, करीब 19 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 27.76 लाख लोगों ने विभिन्न माध्यमों से पुलिस के पास शिकायतें भेजीं। यह देश में की गई कुल 78.32 लाख शिकायतों का करीब 36 प्रतिशत है। शिकायतों की इतनी बड़ी संख्या के पीछे 1090 वीमेन पावरलाइन और डायल 100 जैसी सुविधाओं को वजह माना जा रहा है।