लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से सत्ता पर काबिज होने की तैयारी कर रही बहुजन समाज पार्टी सुरक्षित सीटों पर ब्राह्मणों को आगे करके चुनाव मैदान में उतरेगी। पार्टी ने इसके लिए खासतौर से सांसद सतीश चंद्र मिश्र व रामवीर उपाध्याय को जिम्मेदारी सौंपी है।
बहुजन समाज पार्टी इसके लिए अब क्षेत्रवार बैठकें और सभाएं करने के अलावा बूथवार समितियां भी गठित करेगी।
सतीश चंद्र मिश्र 25 सितंबर को गोरखपुर में रैली करेंगे। 2007 में सर्वसमाज से खासतौर से ब्राह्मणों को जोड़ते हुए बसपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में सुरक्षित 85 सीटों पर झटका खा चुकी बसपा इस बार कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती।
गत चुनाव में 85 में से मात्र 12 सीटों पर ही हाथी का दबदबा बना रह सका था। ऐसे में वर्ष 2017 के चुनाव में सुरक्षित सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी अबकी ब्राह्माण समाज के भरोसे चुनावी जंग में उतरेगी।
राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इतर क्षेत्रों में ब्राह्मण समाज को बसपा से जोडऩे के लिए लगाया गया है जबकि पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय पश्चमी उत्तर प्रदेश की कमान संभालेंगे।
मिश्र तो 25 को गोरखपुर की सुरक्षित विधानसभा सीट खजनी में बड़ी सभा करने जा रहे हैं। सभा में घनघटा, बांसगांव, आलापुर, महाराजगंज, रामकोला आदि विधानसभा क्षेत्र के समाज से जुड़े लोगों को भी जुटाने की तैयारी है।
कांग्रेस के कार्ड से बेचैनी
बसपा की ब्राह्माण समाज को लेकर विशेष रणनीति की एक वजह भाजपा के बाद कांग्रेस का ब्राह्माण कार्ड भी माना जा रहा है। मुख्यमंत्री पद के लिए शीला दीक्षित को आगे कर कांग्रेस ने अपने मूल वोट बैंक रहे ब्राह्माणों को जोडऩे का दांव चला है।
कांग्रेस की ब्राह्माण जोड़ो रणनीति कितनी कारगर रहेगी, यह तो वक्त बताएगा परन्तु फिलवक्त बसपा के इस दलित ब्राह्मण गठजोड़ की बुनियाद पर कहीं-कहीं चोट होती दिख रही है, जिसका खतरा बसपा नेतृत्व को भी दिख रहा है।