समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज अचानक बड़ी घोषणा कर दी। उन्होंने यह कहकर चौंका दिया कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी विधायक तय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस तरह उन्होंने अखिलेश यादव की दोबारा उम्मीदवारी पर विराम लगा दिया। जाहिर है, परिवार में सत्ता संग्र्राम और गहरा गया है। हालांकि मुलायम ने यह भी कहा कि उनका परिवार तीन पीढिय़ों से एक है और आगे भी एक ही रहेगा।
पांच माह बाद सपा दफ्तर में पत्रकारों से मुखातिब मुलायम ने कहा कि जनता सपा को फिर बहुमत देगी लेकिन मुख्यमंत्री के नाम पर सभी विधायक निर्विवाद फैसला लेंगे। सर्जिकल स्ट्राइक में खुद को भी श्रेय देते हुए मुलायम ने कहा कि केंद्र के प्रमुख नेताओं ने उनसे बात की थी। मुलायम के अनुसार उन्होंने कुछ सुझाव दिये जिन पर अमल किया गया। इससे पाकिस्तान का मनोबल टूटा है।
शिवपाल सब कुछ
विधानसभा चुनाव में किसी दल से गठबंधन की संभावना को उन्होंने खारिज कर दिया। बोले, 1992 में जब पार्टी बनाई थी, तब हमें तीन जिलों की पार्टी बताया गया मगर हमने 11 महीने के अंदर सरकार बना ली। अकेले संघर्ष से यहां तक पहुंचे। एक सवाल पर कहा कि जल्द ही पार्टी चुनावी अभियान शुरू करेगी। रथ, साइकिल, हेलीकॉप्टर सब कुछ चलेगा। हमें जो सवारी मिलेगी, उसी से चलेंगे। शिवपाल पार्टी के इंचार्ज और संगठन के सब कुछ हैं।
खुद नाम धर्मेंद्र रखा
अपना नाम खुद रखने के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर मुलायम ने कहा कि यह सच है अखिलेश की मां बीमार रहती थीं और बचपन में मेरी बहनों व शिवपाल ने उन्हें पाला मगर यह बात ठीक नहीं कि मैंने उन पर ध्यान नहीं दिया। अखिलेश की पढ़ाई-लिखाई पर मैंने फोकस किया। ग्वालियर में उनका मन नहीं लगा तो धौलपुर भेजा। फिर मुस्कुराते हुए कहा कि बचपन में धर्मेंद्र यादव (बदायूं के सांसद और अखिलेश के चचेरे भाई) ने स्कूल से लौट कर कहा मेरा नाम धर्मेंद्र-मैंने कहा ठीक है? हालांकि वहां मौजूद शिवपाल यादव ने हस्तक्षेप किया कि क्या बचपन में कोई अपना नाम रखता है।
मैंने बनाया मुख्यमंत्री
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में मेरे नाम पर वोट मांगा गया। पार्टी जीती और मैंने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया। उन्हें फ्री कर दिया कि जाओ काम करो। मैंने सोचा फाइलों में हस्ताक्षर करने में कौन उलझे और अब पार्टी के लिए काम किया जाएगा मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा की सिर्फ पांच सीटें आयीं जबकि मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में 36 सीटें जीती गई थीं और तीन सीटें उपचुनाव में आयी थीं।
बसु नहीं बने पीएम
मुलायम बोले, एचडी देवगौड़ा को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव उन्होंने किया था। सबसे पहले ज्योति बसु को प्रधानमंत्री बनाने पर सहमति हुई थी, उन्होंने इन्कार के साथ मेरा नाम बढ़ाया तो लालू यादव ने रोड़ा अटका दिया पर वह अब सगे रिश्तेदार हैं।