रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला : पाचवां दिन

Update: 2025-03-05 14:07 GMT


कालजयी संग डिजिटल युग के साहित्य का संगम

लघुकथाओं संग बरसा होली संगीत का रंग

लखनऊ, 6 मार्च। कालजयी कथा और काव्य साहित्य के संग डिजिटल युग के युवा साहित्यकारों का साहित्य भी साहित्य प्रेमियों को पसंद आ रहा है। रवीन्द्रालय चारबाग लान में नौ मार्च तक चलने वाले लखनऊ पुस्तक मेले में सबसे ज्यादा साहित्य प्रेमी ही आते हैं।

निःशुल्क प्रवेश मेले इस में आज पांचवें दिन मेला परिसर में स्कूली बच्चों की किलकारियां गूंजी। रंगबिरंगी किताबों के बीच बच्चों का उत्साह देखने लायक था। रात नौ बजे तक चलने वाले और किताबों पर कम से कम 10 प्रतिशत छूट देने वाले इस मेले में दिव्यांश पब्लिकेशन्स के नीरज अरोड़ा ने बताया कि हमने ओशो रजनीश की 110 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया है। इनमें गीता दर्शन आठ खंडों में, लगन महूरत झूट सब, कहे कबीर मैं पूरा पाया, ध्यान विज्ञान, नए भारत का जन्म, कठोपनिषद, सर्वसार उपनिषद, सत्य के अग्नि फूल बहुत लोकप्रिय हुई हैं। इसके अतिरिक्त निलेश शर्मा की सफर उपन्यास सुनील साहिल की नोट्स ऑफ अ स्प्रिचुअल प्ले बॉय, नवलकांत सिन्हा की गुमनाम हिंदू राजा टिकैत राय, स्वामी विवेकानंद के कर्म योग व ज्ञान योग काफी चर्चित हैं। हिन्द युग्म प्रकाशन की पुस्तकों में दिव्य प्रकाश दुबे की अक्टूबर जंक्शन, यार पापा, मुसाफिर कैफे, मानव कॉल की साक्षात्कार, ठीक तुम्हारे पीछे, बहुत दूर कितना दूर होता है, नीलोत्पल मृणाल की डार्क हॉर्स, यार जादूगर और औघड़, विनोद कुमार शुक्ल की दीवार में एक खिड़की रहती थी जैसी अधिक बिकने वाली किताबें मेले के अन्य स्टालों पर भी हैं। बोधरस प्रकाशन के स्टाल पर कविताओं की में वियोगिनी ठाकुर की किसी परिदृश्य में नहीं हूं, गोपेश कुमार चौधरी की मुंडेर और गजल विधा में गांधियों के शहर में इसी वर्ष प्रकाशित नयी किताबें हैं। नवपल्लव के स्टाल- 45 में शरीर की गुजिश्ता लखनऊ के शकील सिद्दीकी द्वारा किए अनुवाद और अमृतलाल नागर आदि के साहित्य की किताबों का विशिष्ट खंड प्रदर्शित है, वहीं मीर, नज़ीर अकबराबादी, मोमिन, जान एलिया, वसीम बरेलवी मुनव्वर राना जैसे शायरों की भी किताबें हैं। सस्ता साहित्य मंडल के स्टाल में हिंदी साहित्य के संग साहित्य मीमांसा की किताबों हैं। यहां प्रेमचंद की कथाओं के संग्रह मानसरोवर के आठों खण्ड हैं तो 11 खण्डों का नेहरू वांग्मय भी। हिंदी अंग्रेजी साहित्य की किताबें निखिल पब्लिकेशन, जयको सहित अनेक स्टालों पर हैं। अमित श्रीवास्तव द्वारा लिखित एलियंस ऑफ लखनऊ ने पुस्तक मेले में खूब सुर्खियां बटोरीं। लोगों ने नन्हे एलियंस के साथ सेल्फी ली। प्रकाशक एस्केलेरा टेक्नोलॉजीज ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल मार्केटिंग प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया।

मेले के साहित्यिक मंच पर आज लघुकथा सृजन संस्थान के तत्वावधान में लघुकथा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अलका प्रमोद के संचालन में चले कार्यक्रम में रचनाकारों ने मानवीय संवेदनशीलता बयां करती लघुकथाएं पढ़ीं। नीलम ने निवेदिता श्री के चार्वी लघुकथा संग्रह की समीक्षा प्रस्तुत किया। लेखिका ने कहा ये संग्रह मेरे 10 वर्षों के अनुभवों से उपजी कहानियां हैं। केके सिन्हा की म्यूचुअल फंड निवेश से सम्बंधित अंग्रेजी किताब का विमोचन हुआ। लेखक ने बताया कि म्यूचुअल फंड क्या है। उन्होंने बताया कि किताब के संस्करण हिंदी अनुवाद और अन्य भाषाओं में भी लाएंगे। इससे पहले मनोवैज्ञानिक काउंसिलर डा.कुमुद श्रीवास्तव ने तनाव अवसाद पर अपनी बात रखी। आज के कार्यक्रमों में घर के वास्ते काव्य संग्रह के युवा कवि स्वयं श्रीवास्तव भी शामिल रहे। शाम को लोक आंगन व ज्वाइन हैण्ड्स फाउंडेशन के न्त्य नाट्य संगीत उत्सव के तहत होली संगीत पर आधारित लोक चौपाल का आयोजन लोक संस्कृति शोध संस्थान की ओर से किया गया। स्वागत सचिव सुधा द्विवेदी और लोक चौपाल प्रभारी अर्चना गुप्ता ने किया। श्रीराम स्तुति से प्रारम्भ होली गीतों की इस चौपाल में पद्मा गिडवानी, नीरा मिश्रा, ऊषा बाजपेयी, अलका चतुर्वेदी, ज्योति किरन रतन, पल्लवी निगम, मनु राय, अंजलि सिंह, निवेदिता सिंह और साथियों ने फाग और अन्य पारम्परिक गीतों की प्रस्तुति दी।

मेले में 6 मार्च को

पूर्वाह्न 11ः00 बजे मोबाइल शार्ट फिल्म कार्यशाला

दोपहर 12ः30 बजे बच्चों और युवाओं के कार्यक्रम

अपराह्न 3ः30 बजे पुस्तक लोकार्पण : उस पार किनारा है

शाम 5ः00 बजे भारतनाम पुस्तक पर चर्चा

शाम 7ः 00 बजे कविता लोक की काव्यगोष्ठी व पुस्तक लोकार्पण

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