पूर्वांचल के जिलों में विकास कार्य धीमा है, और विकास कार्य में राजनीति है!आखिर डीएम चंदौली को क्यूं कहनी पड़ी इतनी बड़ी बात...
दिशा की बैठक में भाजपा और सपा नेता हुए आमने - सामने, जमकर हंगामा, तानाशाही, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार का आरोप - प्रत्यारोप...
ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली: खबर जनपद चंदौली से है जहां जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित दिशा की बैठक में भाजपा और सपा के जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर आरोप - प्रत्यारोप लगाते हुए आपस में भिड़ गए। हंगामे, बहसबाजी का दौर इस कदर चला की जिलाधिकारी से लगायत सभी जनपदीय अधिकारी भी भौचक्के रह गए।बता दें कि सपा सांसद वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जैसे ही दिशा की बैठक आरंभ हुई राबर्ट्सगंज सांसद छोटेलाल खरवार ने लोक निर्माण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया। यह बात सत्ता पक्ष के विधायक सुशील सिंह को नागवार गुजरी और इसी बात को लेकर सपा सांसद और विधायक के बीच बहसबाजी शुरू हो गई। बहसबाजी का दौर इस कदर बढ़ा कि सत्ता पक्ष के विधायक का पक्ष लेते हुए बीजेपी समर्थित ब्लाक प्रमुख अजय सिंह उर्फ खलनायक भी सपा सांसद पर आरोपों के बाण छोड़ने लगे। सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने बीच - बचाव कर दोनों को शांत कराया। इसके बाद ज्यों ही बैठक आगे बढ़ी सकलडीहा सपा विधायक प्रभुणारायण सिंह यादव ने डीडीयू नगर में सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा उठाया तो भाजपा विधायक डीडीयू नगर को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने सपा विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये अपनी सीमा से बाहर जाकर मुगलसराय में सड़क चौड़ीकरण के मुद्दे को हवा दे रहें हैं, बिना किसी प्रमाण के भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहें हैं।इसपर सपा विधायक ने भाजपा विधायक की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बैठो। इस पर भाजपा विधायक रमेश जायसवाल भड़क गए और सपा विधायक को मर्यादा में रहकर बात करने की नसीहत दी। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों एक दूसरे को अभद्र और गुंडा जैसे शब्दों से नवाज डाला। इस बहसबाजी और आरोप प्रत्यारोप के दौर के बीच पुनः सैयदराजा के भाजपा विधायक सुशील सिंह कूद पड़े और मर्यादाएं तार - तार हो उठीं। माहौल इतना गरम हो उठा कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों ने सपा विधायक को माफी मांगने की बात कहते हुए दिशा की बैठक से बाहर चले गए। थोड़ी देर बाद वापस आकर सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों ने बैठक स्थगित करने की मांग करने लगे।अंत तक माहौल शांत नहीं हुआ तो आनन -फानन में बैठक की कार्रवाई पूरी करनी पड़ी। बैठक खत्म होने के बाद भी सत्तापक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर तानाशाही,गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते दिखे। हालांकि बैठक में आरोप - प्रत्यारोप और बहसबाजी का यह रूप देखकर डीएम चंदौली ने बड़ी बात कहते हुए जनप्रतिनिधियों को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि मैं यूपी से बाहर के राज्य का निवासी हूं। लेकिन यूपी में सेवाकाल के दौरान पूर्वांचल में विकास का कार्य धीमी प्रगति पर दिखा है। पूर्वांचल के जिलों में विकास की रफ्तार धीमी है, यहां विकास कार्यों में भी राजनीति है। इसके लिए नौकरशाही से लेकर राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि भी दोषी हैं।