डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में भी फंस सकते हैं अभिषेक प्रकाश, जांच में सामने आई मिलीभगत
लखनऊ। आईएएस अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash) डिफेंस कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण घोटाले में भी फंस सकते हैं। इस घोटाले की जांच में लखनऊ के तत्कालीन डीएम सहित 18 अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है। राजस्व परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिसके बाद कुछ अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है।
डिफेंस कॉरिडोर के लिए लखनऊ की सरोजनी नगर तहसील में भटगांव ग्राम पंचायत का चयन किया गया था। ब्रम्होस मिसाइल के अलावा रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियां अपने लिए भूमि तलाश रही थीं। इससे भटगांव में भूमि की दरें आसमान छूने लगीं थीं। भूमि की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भू-माफिया सक्रिय हो गए और तहसील अफसरों की मिलीभगत से काॉरिडोर के लिए जिस जगह भूमि का अधिग्रहण होना था वहां किसानों से सस्ती दर में भूमि खरीद लीं।
अधिग्रहण की प्रक्रिया में फर्जी तरीके से दस्तावेजों में हेरफेर कर आवंटियों के नाम जोड़े गए। खरीद-फरोख्त में नियमों की अनदेखी की गई। पट्टे की असंक्रमणीय श्रेणी की भूमि को नियमानुसार बेचा नहीं जा सकता था, उसको पहले संक्रमणीय कराया गया और फिर बेचा गया। जिन लोगों का जमीन पर वास्तविक कब्जा नहीं था उनको मालिक दिखाकर मुआवजा दिलाया गया। मालिकाना हक की जांच के बिना ही अफसरों ने मुआवजा वितरित कर दिया।
जांच रिपोर्ट के अनुसार भटगांव की करीब 35 हेक्टेयर जमीन के लिए 45.18 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। इसमें से करीब 20 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पाई गई। जांच में यह भी सामने आया था कि तहसील में तैनात तत्कालीन अफसरों ने अपने रिश्तेदारों और नौकरों तक को जमीन दिलाकर करोड़ों रुपये मुआवजा हड़प लिया था।
इस मामले में तत्कालीन डीएम और एडीएम स्तर के अधिकारियों की भूमिका सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष रजनीश दुबे से इसकी जांच कराई थी। जांच में तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश सहित एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार सहित कई अफसर दोषी पाए गए थे। इस जांच रिपोर्ट को लेकर कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्ज शीट किया गया है, जबकि बाकियों पर अभी कार्रवाई लंबित है।
क्यों सस्पेंड हुए आईएएस अभिषेक प्रकाश?
सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने का संयंत्र लगाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। जांच में उन्हें प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने इन्वेस्ट यूपी में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिस पर एसटीएफ को भी सक्रिय किया गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद यह कठोर कार्रवाई की गई। साथ ही पुलिस ने गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर कमीशन मांगने वाले मेरठ निवासी 40 वर्षीय बिचौलिए निकान्त जैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।