फ्री मूवमेंट से पहले मणिपुर में हिंसा, झड़प में एक की मौत-25 घायल, कल से बेमियादी बंद

Update: 2025-03-08 15:17 GMT

मणिपुर में केंद्र सरकार के फ्री मूवमेंट के ऐलान के साथ ही हिंसा भड़क उठी है. शनिवार को शनिवार को कांगपोकपी जिले के विभिन्न हिस्सों में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर झड़प हुई. इस झड़प एक प्रदर्शनकारी की जान चली गई, जबकि महिलाओं सहित 25 लोग घायल हो गये हैं. मृतक की पहचान लालगौथांग सिंगसिट के रूप में हुई है. पुलिस का कहना है कि 30 वर्षीय व्यक्ति को कीथेलमानबी में पुलिस झड़प के दौरान गोली लगी थी. इससे वह घायल हो गया था.

जब लालगौथांग सिंगसिट को अस्पताल ले जाया जा रहा था. रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. दूसरी ओर, पुलिस पर कार्रवाई का विरोध करते हुए और फ्री मूवमेंट के निर्देश के खिलाफ कुकी समुदाय ने रविवार से बेमियादी बंद का ऐलान किया है.

पुलिस ने बताया कि मोटबंग, गमगीफई और कीथेलमानबी में सुरक्षा बलों के साथ जगह-जगह झड़प हुई. इस झड़प के दौरान कम से कम 25 प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं. घायल प्रदर्शनकारियों को इलाज के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.

कुकी बहुल इलाकों में पुलिस के साथ झड़प

कुकी बहुल जिले में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार को जमकर झड़प हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों का विरोध किया और उसे तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. प्रदर्शनकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य भर में मुक्त आवाजाही की अनुमति देने के निर्देश का विरोध कर रहे थे.

स्थिति तब और खराब हो गई जब प्रदर्शनकारियों ने निजी वाहनों में आग लगा दी और पथराव शुरू कर दिया. इंफाल से सेनापति जिले जा रही राज्य परिवहन की बस को रोकने का प्रयास किया. प्रदर्शनकारियों ने एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर राजमार्ग) को भी अवरुद्ध कर दिया और सरकारी वाहनों की आवाजाही में बाधा डालने के लिए टायर जलाए.

मैतेई के संगठन ने शांति मार्च का किया था ऐलान

मैतेई संगठन फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी (FOCS) ने शांति मार्च का आयोजन किया था. कुकी समुदाय के लोगों ने उसके खिलाफ ही प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान यह घटना घटी. इस बीच 10 से अधिक वाहनों वाले कुकी समुदाय के मार्च को कांगपोकपी जिले में पहुंचने से पहले ही सुरक्षा बलों ने सेकमई में ही रोक दिया.

पुलिस का दावा है कि उन प्रदर्शनकारियों के पास जाने की अनुमति नहीं थी. हालांकि फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी के सदस्यों का दावा है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश का पालन कर रहे थे, जिसमें आवाजाही पर रोक हटाने की बात कही गई थी.

कुकी समुदाय ने बेमियादी बंद का किया आह्वान

इस बीच कुकी-जो समुदाय की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि मुक्त आवाजाही पहल का विरोध करते हुए, कुकी जो परिषद ने शनिवार आधी रात से सभी कुकी-ज़ो क्षेत्रों में अनिश्चितकालीन बंद लागू कर दिया है.

बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के लिए आगे की अशांति को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा के लिए अंतर्निहित मुद्दों को संबोधित करना महत्वपूर्ण है. कुकी-ज़ो परिषद ने सरकार से तनाव और हिंसक टकराव को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया.

परिषद ने यह भी कहा कि हम बफर जोन में मेइती लोगों की मुक्त आवाजाही की गारंटी नहीं दे सकते और किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी नहीं ले सकते.

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