सऊदी अरब के कुल आबादी का 33% हिस्सा प्रवासियों का हैं। और इन प्रवासियों में 75% आबादी भारतीय उपमहाद्वीप बोले तो भारत,पाकिस्तान,बांग्लादेश एवं इजिप्ट और फिलिपींस की है। और बचे 25% में से यमन,इंडोनेशिया, सूडान और अन्य देशों से हैं। .. यहाँ काम करने वाले 86% मजदूरों की मासिक आय 2000 रियाल के नीचे है।.. तो ये हो गया एक सामान्य आँकड़ा।
अब आते है एकदम नवा चीज में ... सऊदी अरब ने वहाँ रह रहे प्रवासी लोगों के ऊपर एक नए तरह के मासिक 'टैक्स' की घोषणा की है जो इसी साल 1 जुलाई मतलब कि अगले महीने से लागू हो जाएगा। ध्यान रहे कि ये केवल प्रवासी लोगों के लिए है सऊदियों के लिए नहीं .. जो कि इस प्रकार है..
1. वर्ष 2017 :– हरेक एम्प्लोयी और उसके डिपेंडेंट मने कि बीवी,बाल-बच्चों के ऊपर 100 रियाल मासिक टैक्स देना पड़ेगा।
2. वर्ष 2018 :- 400 रियाल प्रत्येक एम्प्लोयी को जो उस कम्पनी में कार्यरत हो जहाँ सऊदियों की संख्या इनसे कम हो और 300 रियाल उनके लिए जहाँ ये सऊदियों से कम हो और 200 रियाल प्रत्येक परिवार जन के ऊपर वहाँ की सरकार को मासिक टैक्स देना है।
3. वर्ष 2019 :- 600 रियाल प्रत्येक एम्प्लोयी को जहाँ ये सऊदियों से ज्यादा हो और 500 रियाल जहाँ ये सऊदियों से कम हो .. एवं 300 रियाल प्रत्येक डिपेंडेंट के ऊपर।
4. वर्ष 2020 :- 800 रियाल प्रत्येक एम्प्लोयी को जहाँ ये सऊदियों से ज्यादा हो और 700 रियाल जहाँ ये सऊदियों से कम हो .. एवं 400 रियाल प्रत्येक डिपेंडेंट के ऊपर।
और ये निर्णय लिया जा रहा तेल में आई मंदी के कारण उत्पन्न हुई आर्थिक समस्याओं के चलते और सऊदी लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम पे लगाने के चलते।
अब इस निर्णय के कारण बहुत से प्रवासी लोग और विशेषतः भारतीय लोग सऊदी छोड़ने को विवश हो गए हैं व छोड़ भी रहे हैं। .. अपने बाल-बच्चों को इंडिया भेज रहे हैं। .. अभी तो ये निर्णय अगले महीने से लागू होने वाली है और ये हाल है , लेकिन जब ये टैक्सेशन बढ़ते जाएगा तब क्या हाल होगा !?? .. ध्यातव्य रहे कि 86% मजदूर 2000 रियाल के नीचे के पगार में काम कर रहे हैं।
ये वहाँ का नवीनतम टैक्स पॉलिसी है जो तेल की कीमतों में हुई मंदी के कारण ली गई है। .. जिसके कारण वहाँ काम कर रहे लोगों को छोड़ने तक मुसीबत आन पड़ी है।
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तो दिमाग की बत्ती जली कुछ ???
जब ये एक मंदी के कारण ऐसा निर्णय ले सकते है तो फिर ये जब भूखे,नंगे,लुटेरे और आक्रमणकारी के साथ-साथ हुकूमत करने वाले रहे होंगे तब क्या करते होंगे और निर्णय लेते होंगे ?? .. सऊदी अरब में तो फिर भी वहाँ रह रहे प्रवासी लोगों के पास विकल्प भी है कि वहाँ से नौकरी छोड़ वापस स्वदेश लौट आए, लेकिन जहाँ विकल्प ही शेष न हो तो फिर वहाँ ??
तो विकल्प कहाँ शेष नहीं होंगे या रहे होंगे? .. अपना भारत और कहाँ!! … आपके ऊपर टैक्स बोले तो 'जजिया' लगाया गया। .. तब आपके पास क्या विकल्प रहा होगा इसके लिए !? .. क्या आप भारत छोड़ के चले जाते !? .. क्या ये विकल्प था ?! .. नहीं न ! .. तो फिर क्या विकल्प थे आपके पास !? … या तो जजिया भरो किसी भी हालत में या जजिया से मुक्त हो जाओ!! .. और जजिया से मुक्त कैसे होओगे? .. जब आप मुसलमान बन जाओगे तब। .. क्योंकि जजिया 'गैर-मुस्लिमों' के ऊपर ही तो लगाए जाते थे।
और कुछ दिन पहले वहाँ के राजकुमार ने तो बड़े अच्छे शब्दों में भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों को परिभाषित किया था। .. वहाँ के मुसलमान तो इन्हें मुसलमान मानते ही नहीं। .. तो फिर ई जो मॉडर्न टर्म में जो टैक्स लगाया गया है क्या इसे 'जजिया' न समझा जाय !!?
गंगवा
खोपोली से।