"आंटी.. आंटी.. मुझे भी आपके अल्लाह का रोल करना है..

Update: 2017-08-15 15:08 GMT
मम्मी.. मम्मी!!"
"हाँ मेला बेटा.. बोलो क्या हुआ!!?"
"मम्मी.. मम्मी.. वो जन्माष्टमी में वो अब्दुल कृष्ण का रोल किया था न वो कितना अच्छा लग रहा था न !
"हाँ बेटा.. बहुत अच्छा लग रहा था अब्दुल.. उसकी अम्मी कितना अच्छा से बाल कृष्ण का परिधान पहनाई थी उसको!!"
"मम्मी जैसे हमारे कृष्ण जी है.. वैसे अब्दुल का भी कोई होगा न !?"
"हाँ बेटा.. उनके भी भगवान होते है!"
"उनके भगवान कौन है मम्मी!?"
"उनके भगवान अल्लाह है!!"
"अच्छा वो ईश्वर अल्लाह वाला अल्लाह??"
"हाँ बेटा वही अल्लाह!"
"तो मम्मी उनके भगवान का कौन दिन आता है !?"
"ये पता नहीं बेटा.. लेकिन तुम क्यों पूछ रहे हो !?"
"मैं सोच रहा न कि जिस तरह अब्दुल अपने बाल कृष्ण का रोल किया था न तो मुझे भी उनके अल्लाह का बाल रूप धारण करना है!!"
"तुम न शाम को अब्दुल की अम्मी से पार्क में पूछ लेना.. वो बताएंगी.. मुझे नहीं मालूम.. !!"

शाम को .. 

"आंटी.. आंटी..!"
"हाँ बेटा बोलो"
"आंटी अब्दुल जो बाल कृष्ण का जो रोल किया था न वो बहुत अच्छा था!"
"शुक्रिया बेटा!"
"आंटी.. आंटी.. मुझे भी आपके अल्लाह का रोल करना है.. उनका दिन कब आता है??"
"बेटा हमारे अल्लाह का कोई रोल ओल नहीं होता!"
"ऐसा क्यों आंटी!?"
"क्योंकि हमारे अल्लाह का कोई रूप नहीं जो जिसको हम धारण कर सके!"
"ऐसा कैसे आंटी.. हम राम बनते,कृष्ण बनते, बुद्ध बनते.. उसी तरह अल्लाह भी तो बन सकते है!!?"
"नहीं बेटा ऐसा नहीं.. हमारे अल्लाह का रूप नहीं धर सकते हम!?"
"क्यों नहीं धर कर सकते!?"
"क्योंकि अल्लाह का कोई रूप न है.. और रूप धरना या फोटो बनाना कुफर गुनाह पाप है बेटा!!"
"ईश्वर अल्लाह एक है न आंटी!??"
"हाँ बेटा ऑफकोर्स!"
"तो हमारे ईश्वर कृष्ण का रूप अब्दुल धर सकता है तो मैं अल्लाह का क्यों नहीं?"
"बेटा बताया न ये हमारे इधर कुफर है!!" (तनिक झल्लाते हुए)
"हमको कुफर तुफर कुछ नहीं मालूम.. हमको अल्लाह बनना है मतलब बनना है!!"
"ये काफ़िर की औलाद.. मेरा भेजा मत खा रे.. अपनी काफ़िर सवालों से मुझे भी कुफर का भागीदार बनायेगा... चल भाग इधर से!! .. बड़ा आया अल्लाह ताला का रूप धारण करने वाला.. और अब्दुल सुन इस काफ़िर के बच्चे से दोस्ती नहीं करने का.. ये तुझे भी काफ़िर बना देगा.. चल निकल यहाँ से!!"

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संघी गंगवा
खोपोली से 😊

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