भगवान पर पत्थर ।
बरसा रहे हैवान ।।
सुधर जाओ जाहिलों ।
उनका क्या कसूर ?
सख्त हुई सरकार ।
कारवाई को तैयार ।।
गुंडागर्दी जारी ।
फेंक रहे पत्थर ।।
घायल हो रहे डॉक्टर ।
स्थिति है बदतर ।।
बचा रहे हैं जान ।
बना रहे क्यों निशाने ?
बन कर शैतान ।
छोड़ न रहे कसर ।।
खोया गर धैर्य ।
कैसे होगा काम ?
कठोर हो कारवाई ।
मंसूबा हो नाकाम ।।