मेरठ- आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्ता तथा लोहा व्यापारी की हत्या के मामले में पुलिस ने आज बड़ी सफलता प्राप्त की। पुलिस ने सुनील गर्ग की हत्या के मामले में आज तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक दिव्यांग भी है।
मेरठ में संघ कार्यकर्ता एवं व्यापारी सुनील गर्ग की हुई सनसनीखेज हत्या के बाद लोगों का आक्रोश का ही असर रहा कि 48 घंटे में सिविल लाइन पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने तीन को गिरफ्तार करने का दावा किया है। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि हत्या की वारदात को अंजाम कर्ज में डूबे एक ग्राहक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर किया था। पुलिस को व्यापारी का शव रिक्शे से ले जाते हुए सीसीटीवी फुटेज मिला। फुटेज के आधार पर हत्याकांड के सुराग मिले और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने घटना में चाकू तथा अन्य सामान भी बरामद किया है। इसके साथ ही तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया। सीसीटीवी फुटेज के आधार हुई गिरफ्तारी के बाद एसएसपी मेरठ मंजिल सैनी ने बताया कि मेरठ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता सुनील गर्ग का शव एक बंद बोरे में नाले के पास पड़ी मिली थी। लाश का सिर, चेहरा और गर्दन कटा मिला था। इस घटना के बाद से इलाके के व्यापारियों में गुस्सा था।
पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजकर हत्या के कारण को तलाशा। इसके बाद पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा। इसमें एक रिक्शे पर बोरा ले जाते हुए एक व्यक्ति दिखाई दे रहा है। पुलिस ने सीसीटीवी में दिख रहे व्यक्ति की तलाश कर पकड़कर जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया। इन तीन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी पर एसएसपी ने बताया कि देवी नगर निवासी सुनील गर्ग (56) पेशे से लोहा कारोबारी थे। उनका सूरजकुंड में लोहे का कारोबार था।
पुलिस ने हत्या के आरोप में बसंत कुमार उर्फ बसंता निवासी 129 हनुमानपुरी सूरजकुंड रोड थाना सिविल लाइन, आशु कपूर उर्फ हनी निवासी 393/6 नई सड़क शास्त्री नगर नौचंदी मेरठ हालपता किरायेदार 126/4 फूल बाघ कॉलोनी सिविल लाइन और सुशील कुमार निवासी शिशुलोक स्कूल के पीछे आर्य नगर सिविल लाइन मेरठ को गिरफ्तार किया है।
उनके पास से छुरा और घटना में प्रयुक्त मोबाइल बरामद हुआ है। कर्ज से परेशान होकर वसंत ने एक महीने रणनीति बनाई थी। वसंत ने बताया कि वह परिवार के साथ रहता है। गली नंबर 6 फूलबैग कॉलोनी तथा नौचंदी मेरठ की कीर्ति इंजीनियर वर्ष के नाम से नल की टोटी बनाने की फैक्ट्री है। एक साल पहले बसंत के पिता का स्वर्गवास होने पर कारोबार खुद देख रहा था। बाजार में प्लास्टिक की टोंटियों का चलन बढऩे की वजह से लोहे की टोंटी के काम में नुकसान होने लगा।
लेबर का खर्चा निकलना मुश्किल होने लगा। पैसे की तंगी व कर्जदारों के तगादे से परेशान था। बसंत अपनी फैक्ट्री के लिए कच्चा लोहा मृतक व्यापारी सुनील गर्ग से प्राप्त करता था। जिसका उस पर लाखों रुपए उधार हो गया था। जिसका तगादा सुनील गर्ग समय समय पर उसे करते रहते थे। कर्ज से उबरने व पैसे कमाने के लिए बसंत ने अपना काम करने वाले विकलांग सुशील व उसके दोस्त हनी के साथ मिलकर सवा महीने पूर्व सूरजकुंड पार्क में बैठकर व्यापारी सुनील कर के अपहरण व हत्या की योजना तैयार की थी।
इन सभी की सुनील गर्ग से बीस लाख रूपये की फिरौती मांगने की योजना थी। व्यापारी का अपहरण कर हत्या कर के उसके परिवार के लोगों से 20 लाख रुपए फिरौती वसूलने की योजना थी। योजना के अनुसार हनी सिंह ने मोबाइल की व्यवस्था की तथा घटना वाले दिन सुनील ने फोन करके मृतक व्यापारी को पैसे लेने के लिए बसंत की फैक्ट्री पर बुलाया।
समय करीब 4:30 बजे तक बसंत की फैक्टरी पहुंचे जहां बसंत के साथ बैठकर हिसाब करने लगे। तभी मौका देख कर पीछे खड़े हनी ने चाकू से व्यापारी की गर्दन पर वार किया। लेकिन जैकेट पहने होने की वजह से गर्दन पर बात सही नहीं लगा।
व्यापारी द्वारा प्रतिरोध किए जाने पर वसंत ने पकड़ कर व्यापारी को नीचे जमीन पर गिरा दिया। चाकू से ताबड़तोड़ वार कर व्यापारी की हत्या कर उसकी लाश को बोरे में भरकर रिक्शे में डालकर मंगल पांडे नगर में नाले के पास डालकर फरार हो गए। घटना के दौरान सुशील निगरानी करता रहा।
आरोपियों ने मोटरसाइकिल को यशलोक हॉस्पिटल की पार्किंग में खड़ी कर आये थे। पुलिस की पूछताछ में एनके स्पोर्ट्स सूरजकुंड के मालिक से रंगदारी मांगने की बात सामने आई है। पुलिस इस मामले में भी गहनता से पड़ताल कर रही है।