फिल्म पद्मावती को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में पार्टी नेताओं के बयानों की बयार चल रही है.
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बयान का पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि आजम का बयान निंदाजनक है. इस बयान से साफ पता चलता है कि को आजम को भारत की संस्कृति और सभ्यता की जानकारी नहीं है. रानी पद्मावती किसी जाति या धर्म की नहीं बल्कि हिंदुस्तान की गौरवमयी परंपरा के प्रतीक है. उन्होंने मुगलों की गुलामी स्वीकार नहीं की.
दरअसल, अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने पद्मावती फिल्म को लेकर देश के राजाओं और नवाबों पर निशाना साधा है. रामपुर के एक चुनावी सभा में बोलते हुए आजम ने कहा कि जो रजा और नवाब कल तक अंग्रेजों के बस्ते उठाते थे, वही आज एक फिल्म का विरोध कर रहे हैं.
आजम ने कहा कि हिंदुस्तान के तमाम राजा और नवाब अंग्रेजों के दलाल थे. हम ये बात पिछले 40 साल से कह रहे हैं. नवाबों की नवाबी चली गई और राजाओं की राजाईयत चली गई और जो कभी अंग्रेजों के बस्ते उठाया करते थे, वो अब फिल्म का विरोध कर रहे हैं.