आया बनकर काल... ये साल : अभय सिंह

Update: 2020-07-19 06:16 GMT

आया बनकर काल ।

मनहूस ये साल ।।

बरस रहे हैं ओले ।

मुसीबत की अंबार ।।

उफान पर नदियाँ ।

डूबा गया घर-द्वार ।।

चरम पर कोरोना ।

दो तरफा है मार ।।

बज्रपात से हो रहे ।

मौतें लगातार ।।

खौफ़ के साये में ।

मनोदशा कमजोर ।।

छट जायेंगें संकट ।

जीवन में नव सबेर ।।

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