गुलाम नबी आजाद।
खुल कर रखी बात।।
संगठन के प्रमुख।
पदों पर हो चुनाव।।
चुने हुए लोग गर।
करेंगे जब नेतृत्व।।
पार्टी के लिए बेहतर।
स्थिति होगी मजबूत।।
अगर ऐसा नहीं होता।
पचास साल बैठेंगे विपक्ष।।
चिट्ठी के द्वारा बातें।
रखें आलाकमान समक्ष।।
हमारे प्रस्ताव का।
कर रहे जो विरोध।।
चाहता जो पार्टी हित।
कदम स्वागत योग्य।।