आकलन आय व्यय।
पिटारा दिया खोल।।
पूरी होंगी आकांक्षाएं?
या दिशा होगी तय?
भांति भांति की बातें।
नुक्कड़ और चौराहा।
कही हो रहा हल्ला।
और कई ने सराहा।।
दे रहे हैं तंज।
आ ना रहे बाज।।
जता कर विरोध।
अलग ही अंदाज।।
सरकार है हाजिर।
रख कर आय व्यय।।
कोई है मातम में।
और बोल रहें जय।।
...............अभय सिंह