Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 19

शर्मा जी घर में चूहों से बहुत परेशान....

1 Sep 2018 12:40 PM GMT
वैसे चूहे होते भी विचित्र हैं.. ये अपने खाने के अतिरिक्त, मानव जाति के प्रयोग होने वाले उन संसाधनों पर भी दखल रखते हैं जिससे न तो उनका सरोकार...

सुनो तिवाराइन !

31 Aug 2018 4:34 AM GMT
तुमको क्या लगता है ? तुम हमारी मासूम मोहब्बत के फरकच्चे उड़ाते जावोगी और हम अपनी शुद्धता का प्रमाण देते फिरेंगे ?? तुम कौन भरम पाल रही हो आजकल , या फिर...

भचकन बाबा.... रिवेश प्रताप सिंह

28 Aug 2018 9:36 AM GMT
दोनों पैरों की लम्बाई में दू सूत के अन्तर ने गोधन नाम को बदलकर कब भचकन कर दिया, यह गोधन खुद भी नहीं जान पाये। रोज अखाड़ा में पहलवानों को 'वाह ..पठ्ठे...

फिर एक कहानी और श्रीमुख."अधूरा वादा"

22 Aug 2018 1:08 PM GMT
खेत में दस मिनट की देरी से पहुँचे टिकाधर काका को देख कर मनोजवा बो ने टिभोली मारा- कहाँ थे काका? बिरधा पिनसिम के पइसा से ताड़ी पीने नही नु गए थे?काका ने...

डिजिटल कलेजा ..........रिवेश प्रताप सिंह

12 Aug 2018 11:33 AM GMT
पंचतंत्र की कहानियों में बंदर और मगरमच्छ की कहानी तो सभी ने पढ़ी या सुनी होगी। मगरमच्छ की पत्नी द्वारा उसके मित्र बंदर के दिल खाने की इच्छा और बंदर...

आलोक पुराण ८ (चरण-लुटैया छंद)

7 Aug 2018 1:10 PM GMT
सावन के महीने में मौसमी आतंक अपने चरम पर है। राजनेताओं के विवादित बयान की तरह कभी भी बरस जाने वाली बूंदों के साथ जब पुरुआ हवा महागठबंधन बना लेती है तो...

छोटी सी बिंदिया क्यों ऐसे ही शर्मा जाती है? : जे पी यादव

23 Jun 2018 10:02 AM GMT
एक काम करो तुम, अपनी बिंदिया को माथे से लगा कर खुद को शीशे में देखो तो जरा. क्‍या तुम्‍हें भी वो लाज से भरी हुई नजर आती है? क्‍या वो अक्‍सर ऐसे ही...

हमने सनम को खत लिखा....

5 Jun 2018 2:10 AM GMT
कल आइ आइ टी परिसर में घूमते हुए फोटोखिंचाई हुई। फोटो कई बार बहुत सारे शब्दों का विकल्प होते हैं। पहले चिट्ठियाँ भी लिखी जाती थीं...अंतिम टैग लाइन...

तेरी मोहब्बत : यूरेका ! यूरेका !

1 April 2018 10:22 AM GMT
"तरुणाई के दहकते पन्ने पर जब जज्बात की ख़्यालाती कलम चलती है फिर कहानियाँ नहीं जिंदगिया मचलती हैं।" मचलने से याद आया !मचले तो हम भी थे तेरी...

आपकी चिट्ठी मिली तो युगों बाद कोई चिट्ठी मिली....

30 March 2018 2:52 PM GMT
आदरणीय कल्पना दीदी सादर चरण स्पर्श...हम यहाँ कुशल पूर्वक रह कर संझा माई और सुरुज बाबा से रोज गोहराते हैं कि आपलोग भी कुशल होंगे।आपकी चिट्ठी...

अब बहिना नाराज क्यो है भाई से यह सब पूछेंगे

30 March 2018 2:48 PM GMT
आदरणीय कल्पना बहिना सादर प्रणाम ! दस साल बाद आप इस आभासी पटल पर दिखीं तो मन हुआ की क्षमा मांग कर आपको चिठ्ठी लिखूँ । बियाह होने...

मैं महुआ सी मादकता लिए गुड़ सा गमक रहा हूँ

23 March 2018 1:22 PM GMT
बैशाख जानता है कि टपकने को तैयार महुआ के खेप से भरे पेड़ों को देख कर कैसा लगता है। कल्हुआड़ से निकलती गुड़ की सोंधी महक कैसे मदमत्त कर देती है, यह ऊँख की...
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