Janta Ki Awaz

भोजपुरी कहानिया - Page 25

इन्वेस्टमेंट ..............: व्यास तिवारी

24 Jun 2017 4:20 PM GMT
प्रोफेसर साहब को स्वर्गवासी हुये /क्रिया कर्म निपटे 4 दिन भी नही बीते कि उनके बड़े बेटे रमाकांत घर के बंटवारे पे अड़ गये ..मन मारकर छोटे बेटे कृष्णकांत...

लघु कहानी "पर उपदेश कुशल बहुतेरे "

23 Jun 2017 12:34 PM GMT
खुसरू पुर गाँव में एक गोष्ठी का आयोजन हुआ था जिसका प्रकरण था "दहेज "। गाँव के ही नौजवानों ने उस गोष्ठी को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया था। मंच...

"बबितेश्वर"

21 Jun 2017 9:54 AM GMT
अपना टूटा हुआ मन ले के न जा।मेरी बैचैनी का सिला मुझे दे के न जा।।न जा कि शाम शब उदास रहती है।पूनम के चाँद सुन ईद मेरी ले के न जा।।एक कतरा हूँ चाहता...

"स्वार्थ "

21 Jun 2017 8:46 AM GMT
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में परिवार,समाज,रिश्ते-नाते एवं मित्रता सिर्फ स्वार्थ पे ही टिका है ।रामचरितमानस में भी तुलसीदास ने लिखा है,- "स्वारथ लाय...

फिर एक कहानी और श्रीमुख "सांवली लड़की"

20 Jun 2017 1:34 PM GMT
चचेरे भाई की बारात निकल रही है और सुपुत्र बेचैन हैं कि बारात देखनी है। मैं उनको ऊँगली पकड़ा कर ले आया हूँ परछावन दिखाने, वे पहली बार परछावन देख रहे...

"बैना/बाएन"

19 Jun 2017 7:56 AM GMT
"ऐ भौजी चल! माई बोलवल सिह। बैना बाटे के बा" छांगुर के छोट लईका भोलवा, भुटेली बो से कहता। ओकरा बड़का भौजी किहाँ से तीज आयिल बा। जबाब में...

"पिता" फिर एक कहानी और श्रीमुख

18 Jun 2017 2:19 PM GMT
उन दोनों को भागते भागते दो दिन और तीन रातें बीत चुकी थीं। उनके दोनों घोड़े एक दिन पहले ही गिर गए थे, तबसे वे बिना रुके पैदल ही जंगलों में भागे जा रहे...

गाँव की कहानियाँ यार की शर्त

18 Jun 2017 11:43 AM GMT
बात तब की है जब गाँव में 'जहाँ सोच वहाँ शौचालय' की अवधारणा का विकास नहीं हुआ था तथा सच्चा मित्र उन्हें माना जाता था जो एक साथ घंटों शौच हुआ करते थे।एक...

बीजू अर्थात् दूसरा या जूठन

18 Jun 2017 11:19 AM GMT
सुना है कि आम पृथ्वी पर केवल लंकापति रावण की अशोक वाटिका में था और लंकादहन के बाद लौटते समय हनुमान जी इसके फलों को भी अपने साथ लेकर आए और श्रीराम को...

पवित्रो वा : आलोक पाण्डेय

18 Jun 2017 11:18 AM GMT
यह तो मुझे याद नहीं कि बात कब की है पर है सोलहो आने सच कि भोजनोपरांत जब पहली बार स्टील के कटोरे में बैरा पानी में तैरते कटे नीबू लेकर आया तो मैं...

जब जनम लियो नंदलाल

18 Jun 2017 11:09 AM GMT
यशोदा जब जागीं तो देखीं कि उनकी गोद में भोर के नीले आकाश में के काले बादलोँ पर जब सूर्य की पहली किरण पड़ती है और जैसा श्याम रंग उन बादलोँ का हो जाता है...

नाको-8 पञ्चरात्रि

18 Jun 2017 11:08 AM GMT
मनुष्यों के जीवन में पाँच रात्रियों का विशेष महत्व है। जन्म की रात, यज्ञ की रात, विवाह की रात, मिलन की रात और विदा की रात।इसमें जागने की कला योगियों...
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